NCERT Books Update:एनसीईआरटी समिति द्वारा टेक्सटबुक्स में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ का इस्तेमाल करने के विचार को मंजूरी दे दी है। आपको बता दें,नए शैक्षणिक सत्र से एनसीईआरटी की किताबों में ‘इंडिया’ शब्द नहीं देखने को मिलेगा। बता दें कि इस प्रस्ताव पर कुछ समय से विचार चल रहा था, लेकिन इसे ऑफिसियल तौर पर मंजूरी दे दी गई है। हम आपको बताएँगे कि समिति और क्या सुझाव लेकर आई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार एनसीईआरटी समिति द्वारा टेक्सटबुक्स में ‘प्राचीन इतिहास’ की जगह ‘शास्त्रीय इतिहास’ का उपयोग किया जाना चाहिए। समिति इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांटना चाहते हैं। समिति का कहना है कि ब्रिटिश शासक ही थे जिन्होंने भारतीय इतिहास को इस तरह विभाजित किया, जिसका तात्पर्य यह है कि प्राचीन भारत वैज्ञानिक रूप से उन्नत नहीं था। लेकिन वास्तव में उस समय के बहुत सारे उदाहरण हैं, जो भारत को उस योग में भी ुनात बताता है। जैसे आर्यभट्ट का सौर मंडल पर कार्य।

इसके साथ ही समिति ने टेक्सटबुक्स में ‘हिंदू राजाओं की जीत’ के चैप्टर शामिल करने और एनसीईआरटी में पढ़ाए जाने वाले सभी विषयों में भारतीय नॉलेज सिस्टम (आईकेएस) को शामिल करने की सलाह भी दी है। इन बिंदुओं पर समिति के सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से सहमति जताई गई है। जिससे ये संशोधन जल्द ही सभी एनसीईआरटी पुस्तकों में लागू कर दिए जाएंगे। अपडेटेड टेक्सटबुक्स के माध्यम से बच्चों को भारत की अधिक व्यापक समझ से परिचित कराया जाएगा।
इस इंडिया बनाम भारत की बहस की शुरुआत राजनीति के कारण शुरू हुई। दरअसल देश की 28 प्रमुख विपक्षी पार्टियां, यहां तक कि कांग्रेस भी,आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से टक्कर लेने के लिए एकजुट हो गई हैं। इस संगठन को ‘इंडिया’ नाम दिया गया है। जो भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन का संक्षिप्त रूप है। जब से ऐसा हुआ है, इंडिया बनाम भारत की बहस गर्म हो गई है, और अब भाजपा सरकार द्वारा आधिकारिक चीजों में भी भारत नाम का उपयोग होना शुरू हो गया।