Drinking Water Rules: पानी हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. खाने बनाने से लेकर कपड़े धोने तक के लिए पानी की जरूरत होती है. यहां तक कि हमारे शरीर को भरपूर मात्रा में पानी मिलें तो इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह भी दी जाती है. अक्सर हमें प्यास ज्यादा तेज लगती है, तो जल्दबाजी में हम पानी किसी भी रूल से पी लेते हैं. लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हैं पानी पीने के भी कई सारे अच्छे तरीके हैं, जो आयुर्वेदिक तौर पर बताए गए हैं. आयुर्वेद द्वारा पानी पीने के कुछ रूल्स बनाए गए हैं, जिसे आपको पानी पीते वक्त फॉलो करना चाहिए. तो आइए जानते है वो कौनसे तरीके है.
हमेशा बैठकर पीएं पानी
बात अगर आयुर्वेद की करें तो आयुर्वेदिक तौर पर किसी भी चीज को खाना या फिर किसी भी चीज को पीना, खड़े होकर सख्त मना किया गया है. खासकर आयुर्वेद में पानी खड़े होकर पीने को मना किया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अगर आप बैठकर पानी नहीं पियेंगे और खड़े होकर पिएंगे तो इससे जोड़ों के दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाएगी. जिसके कारण यह एक बड़ी बीमारी जैसे कि अर्थराइटिस हो सकती है.
एक घूंट पानी का न करें सेवन
कभी भी एक घूंट पानी का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि एक घूंट पानी पीने से आपका एक घूंट पानी आपके गले में भी अटक सकता है. साथ ही ब्लोटिंग की भी इससे दिक्कत हो सकती है. तो आप ऐसे में सिर्फ एक घूंट पानी का सेवन न करें बल्कि एक गिलास पानी घूंट घूंट कर पीएं.
ठंडे पानी से रहें दूर
अक्सर लोग गर्मियों में एकदम चिल्ड पानी फ्रिज से निकालकर पीना पसंद करते हैं. जो आपके गले के साथ-साथ आपके पूरे शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है. आयुर्वेद के अनुसार हमेशा उस टेंपरेचर का पानी पीना चाहिए जिस टेंपरेचर में आप बैठे हो.
सुबह उठकर पीएं पानी
आयुर्वेद के अनुसार सबसे पहले सुबह उठकर एक गिलास पानी का सेवन करना चाहिए. इसे आर्युवेदिक भाषा में उसापन भी कहते हैं. रोजाना सुबह सबसे पहले खाली पेट एक गिलास पानी पीने से टॉक्सिसीटी पूरी तरह से बाहर निकल जाती है. साथ ही पाचन क्रिया में भी सुधार आता है.