गाजा में मरीजों की हालत गंभीर, नही उपलब्ध हो रही मेडिकल सुविधांए, जानिए डीटेल्स

Israel Hamas War 10

Israel-Hamas-War: गाजा का अस्पताल मासूम और निर्दोष लोगों की चीखों से गूंज उठा है. जहां पर दर्द से लोग पीड़ित है और बुरी तरह से चिल्ला रहे है. ऐसे में बिना किसी मेडिकल सुविधा के लोगों को ईलाज किया जा रहा है. जहां पर लोगों के लिए कपड़ों को बैंडेज की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके साथ ही डाॅक्टर मरीजों की सर्जरी में सुईयों के यूज कर रहे है. डाॅक्टर अपनी तरफ से पूरी कोशिश के साथ बिना किसी मेडिकल हेल्प के लोगों की जानें बचा रहे है. जहां पर मंजर अब बेहद खौफनाक बन चुका है.

हाल ही में एक सर्जन के इंटरव्यू से इस बात का खुलासा हुआ है, कि गाजा के अस्पतालों में बिना किसी सुविधाओं के लोगों का ईलाज किया जा रहा है. यहां तक के सर्जरी के लिए भी डाॅक्टर केा घरों में इस्तेमाल होने वाली सुई का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. गाजा के अस्पतालों में अब केवल चीखें ही सुनने को मिल रही है. जहां पर लोग डरें और सहमे हुए है. हमास और इजरायल का ये भीषण युद्ध जीवित लोेगों के लिए भी मौत जैसा हो गया है. अस्पतालों में ईलाज के लिए खड़े लोग दहशत से कांप रहे है. आपको बता दें, कि इन लोगों में महिलांए, बच्चें और बुजुर्ग लोग शामिल है.

गाजा के अस्पतालों में हो रहा लोगों को हाल बेहाल

ईलाज के लिए लोगों की लंबी कतारे लग चुकी है. जहां पर अब खाली जगहें भी नजर नही आ रही है. ऐसे में ये मंजर बेहद खौफ से भरा हुआ है. जहां पर डाॅक्टरर्स को फर्श पर लेटें हुए मरीजों को ईलाज करना पड़ रहा है. क्योंकि लोगों के लिए बैड और कमरें अब दोनों ही नही बचे है. एक अकेले कमरे में भी 10 10 मरीजों का साथ में ईलाज किया जा रहा है. लोगों के घाव के लिए डाॅक्टर के पास पर्याप्त मात्रा में पट्टियां भी मौजुद नही है. जिसके कारण से डाॅक्टर्स अब कपड़ों का इस्तेमाल कर मरीजों के घाव भर रहे है. गाजा के अस्पतालों में मौजुद डाॅक्टर्स ने बताया है, कि कैसे वे लोगों को बचानें के लिए एंटीसेप्टिक की बजाय सिरके को इस्तेमाल मेंजा रहे है. वहीं सर्जरी तक में घरों में इस्तेमाल होने वाली सुई को यूज किया जा रहा है.

बीते दिन हमले में गई 500 से भी ज्यादा लोगों की जान

कुछ ही दिनों पहले गाजा के अस्पताल में एक भयानक बमबारी का हमला हुआ था. जिसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. बताया जा रहा है, कि इस हमले के दौरान तकरीबन 500 से भी ज्यादा फलस्तीनियों को अपनी जान गवानी पड़ी है.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top