Lakme Story: आजादी के बाद जब भारत देश की अर्थव्यवस्था अपने नाजुक दौर से गुजर रही थी. उस समय में भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जेआरडी टाटा को संपर्क किया और उनसे आगरह किया था, कि वे जल्द से जल्द भारतीय मार्केट में काॅस्मेटिक ब्रांड को लेकर के आए और भारत में मेकअप प्रोडक्टस की बिक्री को शुरू करें. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि देश में सबसे पहली अगर कोई मेकअन ब्रांड थी. तो वो थी लक्मे कंपनी. ये वह समय था, जब महिलांए मेकअप खरीदना पसंद करती थी. जिसकी शुरूआत 1947 में हुई थी. देश की अर्थव्यवसथा को ठीक करने के लिए पडिंत नेहरू ने ये कदम उठाया था. जहां पर उन्होनें विदेशों के ब्रांड को भारत में सेटअप के लिए आमंत्रण दिया था.
इसके बाद से ही साल 1952 में देश का सबसे पहला ब्रांड लक्मे स्टार्ट किया गया था. बता दें, जवाहरलाल नेहरू ने जेआरडी टाटा को देश की स्थिति के बारें में जानकारी देते हुए, बताया था कि भारत का पैसा बाहर के विदेश में जा रहा है. जिसका सीधा प्रभाव विदेशी मुद्रा पर देखनें को मिल रहा है. ऐसे में ये बेहद जरूरी है, कि इसे बचाया जा सके.
इस ब्रांड को सेटअप होने में बहुत सी परेशानियों का सामना जेआरडी टाटा को करना पड़ा था. जहां पर इस ब्रांड के नाम को लेकर के साथ ही में इसके बने प्रोडक्टस को किस तरह से टाटा ऑयल मिल्स के साथ मिलकर के बिजनेस कैसे किया जा सकता है.
जब लक्मे के प्रोडक्टस और साथ ही में इसके लिए फैक्टरी को पूरी तरह से बनवा लिया गया था. उसके बाद से ही जेआरडी टाटा ने कुछ लोगों की टीम को पेरिस में भेजकर के ब्रांड को लेकर के सामने आने वाली चुनौतियों के बारें में जानने की कोशिश की थी.
जब टाटा की टीम पेरिस में पहुंच चुकी थी. तो उन्होनें फ्रेंच कंपोजर लायलिप्स का एक बेहतरीन प्रदर्शन देखा था. जहां पर ओपेरा गाया जा रहा है. ओपेरा गा रही महिला का नाम लक्मे था. आपको बता दें, लक्मे फ्रेंच भाषा में ही माता लक्ष्मी का नाम होता है. जो कि हिंदु धर्म में एक देवी है. इस वाक्यात के बाद से ही जेआरडी टाटा ने ये निर्णय लिया कि, वे अपनी इस मेकअप कपंनी का नाम लक्मे रखेंगे.