नई दिल्ली : गुलजार साहब एक ऐसे प्रसिद्ध कलाकार का नाम है, जिन्होंने हिन्दी फिल्मों के कई प्रसिद्ध गीत लिखे हैं. यह एक ऐसे कवि है जिनकी रचनाएं, काफी फेमस है. अगर कोई भी गुलजार साहब की रचनाएँ एक बार पढ़ लें, तो वो बार बार पढ़ना पसंद करता है. गुलजार साहब की राजनाएं न केवल हिंदी भाषा में है, बल्कि इनकी रचनाएं उर्दू , पंजाबी, मारवाड़ी, हरियाणवी आदि जैसी भाषाओं में भी है. जिनको लोग काफी पसंद करते है. आज इस खबर में हम आपको बताने वाले हैं गुलजार साहब की लिखी कुछ फेमस नज्में, जिन्हें पढ़कर आपका भी दिल खुश हो जाएगा.
फिर नज़र में लहू के छीटें है, तुम को शायद मुगालता है कोई…..
देर से गूंजते हैं सन्नाटे, जैसे कोई हमको पुकारता है कोई….
दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई, जैसे एहसान उतारता है कोई…
आइना देख के तसल्ली हुई, हम को इस घर के जानता है कोई…
पक गया है शज़र पे फल शायद, फिर से पत्थर उछालता है कोई…
यह कैसा रिश्ता हुआ इश्क में वफ़ा का भला, तमाम उम्र में दो चार छै गीले भी नहीं….
यह सभी शायरी वह शायरियां है, जो गुलजार साहब की प्रसिद्ध शायरियों में से एक है.तो आप इन शायरी को अपने स्टेटस पर लगाएं और दोस्तों को भी शेयर करें.