सभी बैंको में सेविंग अकाउंट चालू रखने के लिए कुछ ना कुछ अमाउंट हमेशा बैंक में रखना होता है। जिसे आमतौर पर एवरेज मंथली बैलेंस कहा जाता है। अगर बैंक में न्यनतम इतने पैसे नहीं रखे जाते तो बैंक की तरफ से पेनेल्टी लगाई जाती है। कितना न्यूनतम बैलेंस होना चाहिए यह हर बैंक का अलग अलग निर्धारित मूल्य होता है।
जानें इन बैंको में कितना न्यूनतम बैलेंस रखना होता है
HDFC बैंक
HDFC बैंक में शहरी खाता धारकों को अपने सेविंग अकाउंट में न्यूनतम 10,000 रुपये का औसत बैलेंस रखना जरूरी है। वहीं, अर्ध-शहरी इलाकों और ग्रामीण इलाकों के लिए न्यूनतम बैलेंस की सीमा 5,000 रुपये और 2,500 रुपये निर्धारित की गई है।
पंजाब नेशनल बैंक
पंजाब नेशनल बैंक में मेट्रो और शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को औसत न्यूनतम बैलेंस 2,000 रुपये रखना होता है। वहीं, अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए ये सीमा 1,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों के लिए 500 रुपये निर्धारित की गई है।
आईसीआईसीआई बैंक
आईसीआईसीआई बैंक में मेट्रो और शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को औसत न्यूनतम बैलेंस 10,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों को 5,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को 2,000 रुपये का औसत न्यूनतम बैलेंस रखना होता है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने न्यूनतम बैलेंस की सीमा को मार्च 2020 में समाप्त कर दिया था। इससे पहले शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को 3,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को 2,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को 1,000 रुपये का न्यूनतम बैलेंस रखना होता था।
क्यों जरुरी है न्यनतम बैलेंस
बैंकों को लोन देने के लिए एक निश्चित अमाउंट तक का डिपॉजिट रखना होता है और रेगुलेशन के मुताबिक अपना फाइनेंशियल रेशो मेंटेन करना होता है, जिसकी लागत बैंक कस्टमर्स के डिपॉजिट और उनपर लगाए गए पेनाल्टी से भी निकालते हैं.
इसके अलावा आप जो पैसे जमा रखते हैं, और मिनिमम बैलेंस मेंटेन न होने पर जो पेनाल्टी भरते हैं, वो बैंक के मेंटेनेंस और ऑपरेशन में जाता है।