तुर्की में बेतहाशा बढ़ती महंगाई और भूकंप के बाद राहत कार्यों को लेकर हुई आलोचनाओं ने एर्दोगन राह काफी मुश्किल कर दी थी.
रेचेप तैय्यप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) एक बार फिर तुर्किए के राष्ट्रपति (president of turkey) चुन लिए गए हैं. वे लगातार 11 वीं बार इस पद पर काबिज हुए हैं. बीते 28 मई को हुए रन-ऑफ दौर में (victory in the run-off round) एर्दोगन ने जीत हासिल की. तुर्की में 97 फीसदी वोटिंग हुईथी जिसमें 52.1फीसदी मत एर्दोगन को और कमाल केलिकदारोग्लू (Kemal Kelikdaroglu) को 47.9 फीसदी वोट मिले.
दरअसल तुर्किए में फरवरी में आए भूकंप के बाद एर्दोगन के लिए मुश्किल बढ़ गई थी और उन्हें इस बार जीतने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी.बहरहाल उन्होंने वादा किया है कि चुनाव जीतने के बाद वे से प्रभावित इलाकों में 6 लाख 50 हजार नए घर बनाएंगे. इसके अलावा उन्होंने महंगाई दर (inflation rate) को 20 फीसदी लाने और सीरियाई शरणार्थियों (Syrian refugees) को वापस भेजने का भी वादा किया है. वैसे भारत के साथ उनके रूख को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. वे कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान के साथ दिखाई देते हैं.
छह फरवरी को आए शक्तिशाली भूकंप ने 50 हजार से अधिक लोगों की जिंदगियां छीन ली थी. इसके बाद तुर्की में हालात बहुत खराब हो गए हैं. राष्ट्रपति एर्दोगन पिछले 20 साल से सत्ता में हैं. पहले राउंड की काउंटिंग हो चुकी है. वहीं, अब 28 मई को एर्दोगन और केमल के बीच निर्णायक मुकाबला होना था
इस मुकाबले में रेचेप तैय्यप एर्दोगन एक फिर राष्ट्रपति चुन लिए गए
2003 से सत्ता में है एर्दोगन।
एर्दोगन 2003 से तुर्किये की सत्ता में हैं। 2014 तक वो देश के प्रधानमंत्री रहे थे। 2016 में तुर्किये में तख्तापलट की कोशिश हुई। इसके बाद एर्दोगन ने देश में रेफरेंडम कराकर प्रेसिडेंशियल सिस्टम लागू कराया। वो तब से देश के राष्ट्रपति हैं। इस तरह देश के मुखिया के तौर पर पिछले 20 सालों में उन्हें 11वीं बार सत्ता मिली है।
चुनाव के नतीजे आने के बाद एर्दोगन ने इस्तानबुल में अपने घर की बालकनी से 3 लाख से ज्यादा लोगों संबोधित किया। इस दौरान एर्दोगन ने कहा कि ये पूरे तुर्किये की जीत है। भाषण के दौरान उन्होंने विपक्षी पार्टी का मजाक उड़ाते हुए कहा- बाय-बाय केलिकदारोग्लू।