नई दिल्ली में रविवार यानी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होने जा रहा हैबता दें कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर बिहार की राजनीति गरम हो गई है. संसद भवन के उद्घाटन मामले को लेकर बिहार में महागठबंधन और बीजेपी आमने-सामने दिख रही है.
वहीं देश की विपक्षी पार्टियों ने इस नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. विपक्षी पार्टियों ने इस समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. इसे लेकर लोकतंत्र के हनन का आरोप भी लगाया गया है.
वहीं बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने नए संसद भवन के उद्घाटन का स्वागत किया है. उन्होंने दूसरी पार्टियों को इसके सकारात्मक रूप को देखने की अपील की है.
नए संसद भवन पर क्या कहा चिराग पासवान ने?
एलजेपी आर प्रमुख चिराग पासवान एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा ”सिर्फ विरोध करना है इसलिए विरोध किया जाए और कौन उद्घाटन कर रहा है और नहीं कर रहा है? मुझे लगता है कि इसके बेहतर और खूबसूरत पक्षों को देखना चाहिए. एक नए संसद भवन का निर्माण हुआ है. इसलिए मैं और मेरी पार्टी, लोकजनशक्ति पार्टी राम विलास, पूरी तरह से इसका स्वागत करते हैं”.
उन्होंने कहा कि इसके समर्थन में मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है और मैं इसका स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि लोकजनशक्ति पार्टी इस नए संसद भवन का स्वागत करती है और इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को शुभकामनाएं देता हूं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए मुझे लगता है कि हर किसी को मिलकर इसमें अपना योगदान देना चाहिए.
उद्घाटन समारोह को लेकर बिहार में सियासत।
इस विवाद पर सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार विधानसभा के विस्तारीकरण भवन का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया था, उसमें राज्यपाल को क्यों नहीं बुलाया गया था? इस पर कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने पलटवार किया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि सुशील मोदी हल्की-फुल्की बातें नहीं करें, वो हैं क्या? कांग्रेस में उनसे कोई छोटा नेता है क्या ?उनको राज्यसभा सदस्य बनाया गया है, जनता तो उनको चुनी नहीं है. जनता तो हमलोग को चुन कर लाई है.