पृथ्वी से परे एक और जीवन की खोज लगातार जारी है। पहली बार मंगल ग्रह से पृथ्वी ग्रह पर एक संकेत भेजा गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार अंतरिक्ष एजेंसी एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (टीजीओ) ने बुधवार रात 9:00 बजे मंगल के चारों ओर अपनी कक्षा से एक एन्कोडेड संदेश भेजा, ताकि एक ऐसी स्थिति को क्रिएट किया जा सके जो हमें भविष्य में किसी अन्य सभ्यता से वास्तविक संकेत प्राप्त करने पर होगी।
16 मिनट में सिग्नल ने तय की मंगल से धरती की दूरी
मंगल ग्रह के पृथ्वी के सबसे नजदीक रहने पर भी उसकी दूरी करीब 3.86 करोड़ किलोमीटर होती है. इतनी दूरी से TGO ने बुधवार रात में करीब 9 बजे पृथ्वी के लिए मैसेज बीम किया. यह मैसेज करीब 4 करोड़ किलोमीटर का सफर तय करते हुए धरती तक महज 16 मिनट में पहुंच गया. यह सिग्नल अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया स्थित ग्रीनबैंक टेलीस्कोप ने रिसीव किया. इसके अलावा इटली के मेडिसिना रेडियो एस्ट्रोनॉमिकल स्टेशन, कैलिफोर्निया के एलन टेलीस्कोप ऐरे और न्यू मैक्सिको के वैरी लार्ज ऐरे ने भी इस सिग्नल को रिसीव किया।
सिग्नल डीकोड करने के लिए लोगों से मदद मांगी
डी पॉलिस ने इंटरनेशनल एक्स्पर्ट्स और स्पेस साइंटिस्ट्स की अपनी टीम के साथ मिलकर लोगों से मंगल ग्रह से मिले इस सिग्नल को डीकेड करने के लिए मदद मांगी है। उनके मुताबिक, डिकोडिंग की प्रोसेस से पता चलेगा कि आखिर पृथ्वी पर भेजे गए सिग्नल या मैसेज में क्या लिखा है।
एलियंस के सिग्नल मिलने पर आएगा बड़ा परिवर्तन
वैज्ञानिक मंगल ग्रह से भेजे गए सिग्नल को ऐतिहासिक मान रहे हैं. उनका मानना है कि असल में एलियंस के सिग्नल मिलना बहुत बड़ा परिवर्तन लाएगा. सर्च फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस इंस्टीट्यूट (SETI) के साइंटिस्ट और ‘ए साइन इन स्पेस’ प्रोजेक्ट के चीफ डेनिएला डि पोलिस ने कहा, अपने पूरे इतिहास में मानवता ने हमेशा शक्तिशाली और परिवर्तनकारी पलों का अर्थ तलाशा है. एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल सिविलाइजेशन से सिग्नल या मैसेज मिलना पूरी मानव जाति के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी अनुभव होगा.