एक बार फिर कूनो नेशनल पार्क सुर्खियों में आ रहा है।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीता ज्वाला के दो और शवकों की मौत हो गई है. अभी दो दिन पहले ही उसके एक शावक की मौत हो गई थी. ज्वाला ने इस साल मार्च में चार शावकों को जन्म दिया था.इनमें से तीन की मौत हो चुकी है. कुनो नेशनल पार्क में अब तक तीन शावकों और दो बड़े चीतों की मौत हो चुकी है. वन विभाग की टीम मौत के कारणों का पता लगाने में जुटी है. बताया जा रहा है कि, वो कमजोर था। और डाक्टरों के निगरानी में था। 24 मार्च को मादा चीता ज्वाला ने तीन शावकों को जन्म दिया था। उसके पहले शावक की 23 मई को मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि, प्रथमदृष्टया शावक की मृत्यु कमजोरी से होना माना जा रहा है। शुरू से ही यह शावक सुस्त रहता था। सबसे छोटा और कम सक्रिय था। और आज फिर एक शावक ने दम तोड़ दिया।
दो माह में तीन चीते और दो शावक ने दम तोड़ा।
कूनो नेशनल पार्क में बीते दो माह में तीन चीतों की मौत हो चुकी है, साथ ही दो शावक ने भी दम तोड़ दिया है। अब एक बार फिर चीता प्रोजेक्ट की सफलता पर सवाल पर उठ रहे हैं। चीतों की मौत से अधिकारी भी चिंतित हैं। शावक से पहले चीता साशा, दक्षा और नर चीते उदय की मौत हो चुकी है। तीन चीतों और 2 शावक की मौत के बाद अब कूनो में 17 चीते और 2 शावक शेष बचे हैं
नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए 20 चीते
देश में चीतों को एक बार फिर से बसाने की कवायद के साथ ही नामीबिया और साउथ अफ्रीका से कुल 20 चीते लाए गए थे। पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर चीतों को बाड़े में आजाद कर देश को चीतों की सौगात दी थी।
कूनो में चीते के साथ देख सकेंगे घड़ियाल।
कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान 748.7618 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। कुनो नदी, जो पार्क के केंद्र से होकर गुजरती है, घड़ियालों के लिए संरक्षित है। कूनो नदी में दिसंबर 2020 में घड़ियाल के 50 बच्चों को छोड़ा गया था जो अब धीरे-धीरे बड़े हो रहे हैं। कुनो आने वाले पर्यटक अब चीतों के साथ-साथ घड़ियाल भी देख सकेंगे।
कुनो में प्रवेश शुल्क क्या है।
कुनो में प्रवेश शुल्क 250 रुपए प्रति व्यक्ति है। जबकि मिनी बस (अधिकतम 15 लोग) 1500 रुपए, चार पहिया वाहन (अधिकतम 6 लोग) की प्रवेश 750 रुपए या बस में प्रति सवारी 250 रुपए का टिकट की दर तय की गई है। 1 अक्टूबर 2021 से ये दरें लागू हैं।