इस साल 25 मई को दुर्लभ गुरु पुष्य योग बन रहा है। दुर्लभ इसलिए है क्योंकि मई के बाद ऐसा योग फिर दिसंबर में आएगा। 25 मई को गुरु पुष्य योग समेत 5 शुभ योग बन रहे है। उस दिन वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहे हैं। बता दें कि मई मास के अंत में गुरु पुष्य योग बनने जा रहा है, जिसमें सोने, चांदी या घर की खरीदारी और पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।
गुरु पुष्य योग 2023 तिथि
पंचांग के अनुसार, गुरु पुष्य योग का निर्माण ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन अर्थात 25 मई 2023, गुरुवार के दिन हो रहा है। यह योग सुबह 05:26 से शाम 05:55 तक रहेगा। बता दें कि इस दिन इसी समय पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो इस स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाएगा।
गुरु पुष्य योग में खरीदने वाली 5 शुभ वस्तुएं
- सोना: सोना को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। गुरु पुष्य योग में खरीदा गया सोना आपके धन-संपत्ति और भाग्य को बढ़ता है ।
- हल्दी: गुरु पुष्य योग में हल्दी खरीदना भी शुभ है। देव गुरु बृहस्पति का शुभ रंग पीला है और हल्दी शुभता का प्रतीक है। यदि आप सोना नहीं खरीद पा रहे हैं तो हल्दी खरीदकर अपने भाग्य में वृद्धि कर सकते हैं ।
- चने की दाल: गुरु पुष्य योग में आप चने की दाल खरीदकर भी अपने सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। गुरु ग्रह की पूजा में चने की दाल का उपयोग करते हैं और इसका भोग भगवान विष्णु को भी लगाते हैं। हल्दी और चने की दाल के अलावा आप पीले रंग के वस्त्र, पीतल, घी आदि भी खरीद सकते हैं।
- सिक्का: गुरु पुष्य योग वाले दिन व्यक्ति को सोने का सिक्का या फिर चांदी का सिक्का खरीदना चाहिए। यह भी आपकी उन्नति में सहायक होगा।
- धार्मिक पुस्तकें: गुरु पुष्य योग में देव गुरु बृहस्पति का प्रभाव अधिक होता है। ऐसे में आप गुरु पुष्य योग में धार्मिक पुस्तकें खरीद सकते हैं। इससे भी आपको लाभ होगा।
ऐसे करे पूजा।
लक्ष्मी माता के समक्ष घी का दीपक जलाकर उन्हें कमल पुष्प अर्तित करके इस दिन श्रीसूक्त का पाठ करने से माता लक्ष्मी बहुत ही जल्द प्रसन्न होती है। इस शुभदायी दिन पर माता लक्ष्मी की पूजा और साधना करने से उसका विशेष फल प्राप्त होता है। इस दिन पूजा या उपवास करने से जीवन के हर एक क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है। सर्वप्रथम अपने घरों में सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय मां लक्ष्मी के सामने घी से दीपक जलाएं। किसी नए मंत्र की जाप की शुरुआत करें।