कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही प्रदेश में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना लागू कर दी गई है। इसमें प्रशिक्षण के बाद युवाओं को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। चयनित युवाओं को प्रतिमाह आठ से दस हजार रुपये दिए जांएगे। योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार प्रतिष्ठानों से अनुबंध भी करेगी। राज्य शासन ने दो दिन में ही शुक्रवार को आदेश जारी कर प्रदेश में इस योजना को लागू कर दिया है। योजना में युवाओं के पंजीयन के बाद विभिन्न प्रतिष्ठानों में उन्हें हुनर सीखने की अवधि में आर्थिक सहायता के रूप में 8 से 10 हजार रुपये तक स्टाइपेंड उपलब्ध कराया जाएगा।
चयनित युवाओं को छात्र प्रशिक्षणार्थी कहा जाएगा।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने योजना को लागू करने के आदेश जारी किए। इसमें प्रदेश के 18 से 29 वर्ष के वे स्थानीय निवासी युवा पात्र होंगे, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं, आइटीआइ, स्नातक या स्नाकोत्तर होगी।
चयनित युवाओं को छात्र प्रशिक्षणार्थी कहा जाएगा। इन्हें मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा स्टेट काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
8 से 10 हज़ार तक कमाने का मौका।
योजना से देश और प्रदेश के प्रतिष्ठित औद्योगिक तथा निजी संस्थानों को जोड़ा जाएगा। प्रतिष्ठान के पास पेन नंबर और जीएसटी पंजीयन होना आवश्यक होगा। प्रतिष्ठान अपने कुल कार्यबल के 15 प्रतिशत की संख्या तक छात्र प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे सकेंगे। योजना में 12वीं या उससे कम कक्षा में उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को 8 हजार रुपये, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रुपये, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रुपये और स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता वालों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा।
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन?
सरकार के मुताबिक, अगले महीने यानी 7 जून से प्रशिक्षण देने वाली कंपनियों के रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे. इसके बाद 15 जून से हिस्सा लेने वाले युवाओं का रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. फिर 15 जुलाई से प्लेसमेंट और आवेदन लेने की प्रोसेस शुरू होगी. आखिर में 1 अगस्त से युवाओं को काम देना शुरू कर दिया जाएगा. हालांकि, सरकार ने योजना के लिए अब तक कोई स्पेशल वेबसाइट लॉन्च नहीं की है, लेकिन जल्द ही इसे लॉन्च किया जा सकता है. जिसके जरिए रजिस्ट्रेशन समेत सभी काम होंगे।