एक रिपोर्ट से ये बात सामने आई है की जो माता पिता ये सोच कर अपने बच्चों के हाथों में मोबाइल देते है की इसकी मदद से उनके बच्चों में ज्यादा समझदारी आएगी और उन्हें नई चीजें जानने का मौका मिलेगा. तो वे सभी मां बाप गलत है. जी हां ये रिपोर्ट है सेपियन लैब्स की. जैसा की हम सभी जानते है की कोरोना काल में सभी बच्चों ने आॅनलाइन ही पढ़ाई की थी जिसमें बच्चों को मोबाइल लेकर देना एक मजबुरी सा बन गया था. जिसके बाद से ही इस बात पर काफी ज्यादा बहस की जाती है की बच्चों को मोबाइल देना सही या नही और इससे उनके दिमाग पर कितना और क्या असर पड़ता है. दरअसल, हम आपको बतादें की सेपियन लैब्स एक ऐसी संस्था है जो की साल 2016 से ही लोगों के दिमाग को समझनें की कोशिश मे जुटी हुई है. तो चलिए जानते है इस रिपोर्ट की कुछ जरूरी बातें.
सेपियन लैब्स की रिपोर्ट में ये कहा गया है की कम आयु के बच्चों को मोबाइलइ देना उनके लिए बुरा साबित हो सकता है क्योंकि ऐसे में यूवा अवस्था आने तक बच्चों पर इसका उलटा ही असर देखनें को मिलता है. जैसे बहुत ज्यादा गुस्सा आना, चिड़चिड़पन होना, इंफेक्शन का खतरा और मूड में बदलाव. इसके साथ ही आपको बतादें की सेपियन लैब्स की ये रिपोर्ट 40 देशों के 2.,76,969 लोगों से बातचीत कर तैयार की गई है. जिसमें भारत भी शामिल है. इस रिपोर्ट के मुताबिक ये सामने आया है की ऐसी 74 प्रतिशत महिलांए है जिन्हें 6 साल की कम उम्र में ही फोन दे दिया गया था और समय के साथ ही उनकी मेंटल हैल्थ काफी ज्यादा खराब हो गई.