जानें क्या है संचार साथी पोर्टल। मोबाइल चोरी की कम्प्लेन और स्टेटस चेक की मिलेगी सुविधा।

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अगर आपका फोन चोरी और गुम हो जाता था, तो उसे ढूंढ़ निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टव लॉन्च कर दिया है।  इस पोर्टल अब लोग अपनी गुम या चोरी हुई डिवाइस को ढूंढ़ सकेंगे। इस पोर्टल पर मोबाइल खोने की जानकारी देगा, तो इसके बाद कुछ आइडेंटिटी वैरिफिकेशन होंगे। उसके तुरंत बाद ऑनलाइन टेलिकॉम ऑपरेटर और लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसी के साथ इंटरैक्ट करके यह पोर्टल फोन को ब्लॉक कर देगा।

फ़ोन खो जाने पर कर सकेंगे ब्लॉक।

संचार साथी वेबसाइट यूजर्स को अपने खोए हुए या चोरी हुए फोन को ब्लॉक करने की अनुमति देती है। यूजर्स के पास फोन के IMEI विवरण दर्ज करके खोए या चोरी हुए फोन की रिपोर्ट करने और इसे अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का विकल्प होता है। एक बार फोन ब्लॉक हो जाने के बाद, यह अनुपयोगी हो जाएगा और पूरे भारत में किसी भी दूरसंचार सेवा प्रदाता के नेटवर्क पर काम नहीं करेगा।

IMEI नंबर बदलने पर भी ट्रैक हो सकेगा फोन

अभी क्रिमिनल्स ज्यादातर मोबाइल चोरी करने के बाद डिवाइस का IMEI नंबर बदल देते हैं, जिसके कारण मोबाइल ट्रैक या ब्लॉक नहीं हो पाता था। राजकुमार उपाध्याय ने बताया कि ये पोर्टल IMEI नंबर बदलने के बाद भी डिवाइस को ट्रैक और ब्लॉक कर सकेगा।

अपने नाम से पंजीकृत सभी मोबाइल नंबरों को जानें

टैफकॉप संचार साथी वेबसाइट का हिस्सा है। ‘अपने मोबाइल कनेक्शन को जानें’ सेवा TAFCOP द्वारा दी जाती है। यह यूजर्स को उनके नाम के तहत जारी किए गए सभी फोन नंबरों की जांच करने की अनुमति देता है। इससे यूजर्स को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि उनके नाम से कोई फ्रॉड नंबर/सिम जारी नहीं किया गया है।

संचार साथी वेबसाइट यूजर्स को किसी भी अनचाहे मैसेज की रिपोर्ट करने की अनुमति देती है। दिए गए नंबरों को टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को स्पैम प्रवृत्तियों की पहचान करने और अनुपालन संबंधी समस्याएं होने पर उन्हें ब्लॉक करने में मदद करने के लिए भेजा जाता है।

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