ऑनलाइन फ्रॉड को खत्म करने के लिए खर्च होगें अरबों डाॅलर, जानिए डिटेल्स

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आपको बतादें की आज के समय में हमारी जिंदगी को और ज्यादा आसान बनाने के लिए नई नई डिजिटल तकनिकों का आविष्कार हो रहा है वहीं इसक साथ ही लोगों के साथ हो रही डिजिटल धोखाधड़ी भी रोजाना बढ़ती ही जा रही है. बताया जा रहा है की डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए और इससे जुड़े तरीकांे को रोकने के लिए भारत के बिजनेस साल 2027 तक इसमें 400 प्रतिशत तक का निवेश करने जा रहे है.

एक रिपोर्ट से ये बात सामने आई है की इस आॅनलाइन धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए और इसके बारें में पता लगाने के लिए चार सालों में 7.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ 37 प्रतिशत कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट सीएजीआर तक पहुंच चुका है. साल 2022 में ये 1.5 बिलियन डाॅलर से भी काफी अधिक है.

UPI से हो रहे सबसे ज्यादा धोखाधड़ी

आपको बतादें की देश में दर्ज किए गए डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी मामले के एक रिपोर्ट से इस बात की जानकारी मिली है की इन मामलों में 55 प्रतिशत केस यूपीआई धोखाधड़ी से जुड़े हुए है. इसके साथ ही आपको बतादें की ये मामले 10,000 रूपये से कम के है. जिनमें धोखाधड़ी के केस सामने आए है.

एक रिपोर्ट से इस बात का पता चला है की ग्राहक यात्रा सत्यापन और सुरक्षा और ग्राहक अनुभव के बीच में एक बैलेंस को बनाए रखनें के लिए कंपनियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है इन धोखाधड़ियों के बारें में पता लगानें की. जिसमें ये भी सामने आया है की ये धोखा करने वाले समुदास पूरी तरह से संगठित है. इसके साथ ही आपको बतादें की डार्क वेब और टेलीग्राम फोरम हाउस मार्केटप्लेस में के जरिए लोग प्लग एंड प्ले जो की एक धोखाधड़ी तकनीक है को खरीद भी सकते है. इसमें इससे जुड़ी सभी जानकारियां मौजुद होती है इसके साथ ही किन कंपनियों को टारगेट करना है ये इस बात की पूरी जानकारी दी जाती है.

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