भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार पर बातचीत होगी 18 अप्रैल को आईजीसी की पूर्ण बैठक होगी। सह-अध्यक्ष 24वीं आईजीसी बैठक के अंतिम प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करेंगे।आईजीसी की बैठक के पहले दिन व्यापार आर्थिक वैज्ञानिक तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर अंतर-सरकारी रूसी-भारतीय आयोग के सह-अध्यक्ष दोनों देशों के व्यापारिक प्रतिनिधियों के साथ मिलेंगे
राजधानी दिल्ली में आयोजित रूस-भारत बिजनेस फोरम में बोलते हुए रूसी मंत्री ने कहा कि उम्मीद है कि हमारे बीच द्विपक्षीय व्यापार 50 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचेगा। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए दोनों देशों के पास सभी दृष्टिकोण हैं।
भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ा।
पश्चिमी देशों की नाराजगी के बावजूद भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ता जा रहा है। इस बीच, रूस के विदेश आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के प्रमुख सर्गेई चेरियोमिन ने दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार जल्दी ही 50 अरब डॉलर या उससे अधिक तक पहुंचेगा।
इस दौरान उन्होंने भारत-रूस की बैंकों को एक दूसरे के साथ संबंध स्थापित करने में अधिक सक्रियता से काम करने को लेकर अपील की। सर्गेई चेरियोमिन ने कहा कि हमें रुपये और रूबल में व्यापार को बढ़ावा देना है क्योंकि यह हमारी कंपनियों के लिए एक अधिक स्थिर मंच बनाता है
एयरोस्पेस उद्योग में भारत-रूस एक साथ
उन्होंने कहा कि रूसी भुगतान प्रणाली Mir और भारतीय भुगतान प्रणाली RuPay के बीच सहयोग की अच्छी संभावनाएं हैं। देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन दोनों प्लेटफार्मों का उपयोग किया जा सकता है। बिजनेस फोरम के अपने पैनल सत्र में रूसी मंत्री ने यह भी कहा कि रूस एयरोस्पेस उद्योग में काफी आगे है। इस क्षेत्र में भारत के साथ उसके अच्छे संबंध हैं।
रूस-भारत बिजनेस फोरम का हुआ आयोजन
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में रूस-भारत बिजनेस फोरम का आयोजन किया गया है। इसी में बोलते हुए रूस के विदेश आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के प्रमुख सर्गेई चेरियोमिन ने यह बातें कहीं। इस फोरम का उद्देश्य आईटी, साइबर सुरक्षा, उद्योग और विनिर्माण, स्मार्ट शहरों, परिवहन और रसद के साथ ही स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में तकनीकी गठजोड़ के अवसरों का पता लगाने के लिए रूस और भारत के व्यापारिक नेताओं, उद्यमियों, सरकारी अधिकारियों और मीडिया प्रतिनिधियों को एकजुट करना है। साथ ही रूसी कंपनियों के लिए भारत में नए बाजारों में प्रवेश करने और भारतीय कंपनियों के लिए रूस के साथ व्यापार करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए यह आयोजन एक मंच के रूप में काम करेगा।