हरियाणा सीमा पर झड़प में मारे जाने से कुछ घंटे पहले किसान के आखिरी शब्द, जानें क्या रहे

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नई दिल्ली: प्रदर्शनकारियों द्वारा बुधवार को अपना ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन फिर से शुरू करने के दौरान पंजाब-हरियाणा सीमा पर पुलिस के साथ झड़प के दौरान 22 वर्षीय युवा किसान की मौत हो गई.

किसानों के मुताबिक, पंजाब के बठिंडा के 22 वर्षीय शुभकरण सिंह की हरियाणा पुलिस के साथ झड़प के दौरान मौत हो गई. कुछ किसानों का आरोप है कि पुलिस की ओर से की गई आंसू गैस की गोलाबारी में उनकी मौत हो गई. हालांकि, पुलिस ने अभी तक सीमा पर किसी प्रदर्शनकारी की मौत की पुष्टि नहीं की है.

कौन है मरने वाला किसान

मारने वाला किसान शुभकरण सिंह है. जो 13 फरवरी को खनौरी सीमा पर अन्य प्रदर्शनकारियों में साथ इस आंदोलन में शामिल हुआ था, जिस दिन किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अपनी मांग पर सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली तक मार्च शुरू किया था वो भी उनके साथ था.

बुधवार की सुबह, शुभकरण ने खनौरी विरोध स्थल पर अपने और अन्य किसानों के लिए नाश्ता तैयार किया. उनके साथी प्रदर्शनकारियों ने कहा कि शुभकरण ने उन्हें एक साथ बैठकर नाश्ता करने के लिए कहा, यह कहते हुए कि उन्हें एक साथ भोजन करने या एक साथ बैठने का दूसरा मौका नहीं मिलेगा.

शुभकरण बठिंडा के बलोके गांव का रहने वाला था. उनके परिवार में दो बहनें, एक दादी और उनके पिता चरणजीत सिंह हैं, जो एक स्कूल वैन चालक के रूप में काम करते हैं. शुभकरण पशुपालन से भी जुड़ा था. युवा किसान के पास लगभग 3 एकड़ ज़मीन थी और उसके पास कुछ पशुधन भी था.

पंजाब सीएम ऐलान

इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुभकरण की मौत पर शोक व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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