हम दुनिया को नहीं ,दुनिया हमे अपनाती है : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु

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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिमोर-लेस्टे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि “दुनिया हम लोगों को अपनाती है”. इस बयान के माध्यम से राष्ट्रपति मुर्मू ने वैश्विक एकता और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया है.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 10 अगस्त 2024 को तिमोर-लेस्टे की राजकीय यात्रा पर थी . यह यात्रा 5-10 अगस्त 2024 तक फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्टे के लिए उनकी राजकीय यात्रा का हिस्सा था. तिमोर-लेस्टे के राष्ट्रपति हे. मिस्टर जोसे रामोस-होर्टा के निमंत्रण पर राष्ट्रपति मुर्मू ने यह यात्रा की है .

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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु

तिमोर-लेस्टे (Timor-Leste)

तिमोर-लेस्टे (Timor-Leste), जिसे पूर्वी तिमोर (East Timor) के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिणपूर्व एशिया में स्थित एक द्वीपीय देश है. यह इंडोनेशिया के उत्तर में स्थित है और तिमोर द्वीप के पूर्वी भाग में स्थित है.तिमोर-लेस्टे की राजधानी डिली (Dili) है, और इसकी जनसंख्या लगभग 13 लाख है. यह देश 2002 में इंडोनेशिया से स्वतंत्र हुआ था, और तब से यह एक स्वतंत्र राष्ट्र है.

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राजकीय यात्रा

भारत के दुईपक्षी संबंध

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अपना यह बयान कब दिया था जब वह तिमोल रिश्ते की भारतीय समुदाय से संवाद कर रही थी ,उनका यह बयान तिमोर-लेस्टे की राजधानी डिली में एक समारोह के दौरान आया, जहां उन्होंने दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर दिया .राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत और तिमोर-लेस्टे के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं, और हमें इन संबंधों को और मजबूत बनाने की आवश्यकता है.उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रयासरत है, और वह अन्य देशों के साथ सहयोग और संवाद के माध्यम से विश्व शांति और स्थिरता में योगदान देना चाहता है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू की फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्टे की राजकीय यात्रा इन देशों के साथ भारत के संबंधों के महत्व को रेखांकित करती है और नई दिल्ली के एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर मजबूत फोकस को दर्शाती है.एक्ट ईस्ट पॉलिसी की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल पहले 2014 में नौवें ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में की थी.यह नीति भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूर्वी एशिया के देशों के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाना है.

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