हनुमान जयंती पर बंगाल में धारा 144 लगी होगी!!

HC

हनुमान जयंती पर्व हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाने वाला एक ऐसा पावन पर्व है की जिसे पुरे भारत देश में इसे धूम धाम से और बहुत आस्था के साथ मनाया जाता है. हनुमान जयंती पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है और दो बार इस पर्व को मनाने के पीछे दो अलग अलग मान्यताएं तथा भिन्न उद्देश्य हैं।

भगवान हनुमान हिन्दू धर्म के अनुयायियों के द्वारा माने जाने वाले काफी लोकप्रिय भगवान है. हनुमान जयंती पर्व लोगों के द्वारा पूरे जोश और उत्सुकता के साथ मनाया जाता है. इस दिन शहरों में बड़ी बड़ी झांकिया निकाली जाती हैं. कुछ लोग भगवान हनुमान का व्रत भी धारण करते हैं।

कल यानी गुरुवार को हनुमान जयंती है। इससे एक दिन पहले आज कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार को इस बारे में निर्देश जारी किया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि कल जहां भी हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकले, उसे कड़ी सुरक्षा दी जाए। हाईकोर्ट ने कहा है कि जिस इलाके में धारा 144 लगी होगी, 
देश के कई राज्यों में रामनवमी पर हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने बुधवार को सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की। मंत्रालय ने कहा कि हनुमान जयंती पर शांति बनी रहे, इसके लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखें। हर ऐसी चीज पर नजर रखें, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ने की आशंका हो।
उधर, कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी मंगलवार को बंगाल सरकार को इसी सिलसिले में निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कहा- अगर आपके पास पुलिस कम है तो आप केंद्र से फोर्स मांगिए। और केंद्र सरकार भी तुरंत आपकी अपील पर कदम उठाए। हमें लोगों की सुरक्षा करनी है। हनुमान जयंती 6 अप्रैल को है।

देश के कई राज्यों में रामनवमी पर हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने बुधवार को सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की। मंत्रालय ने कहा कि हनुमान जयंती पर शांति बनी रहे, इसके लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखें। हर ऐसी चीज पर नजर रखें, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ने की आशंका हो।

उधर, कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी मंगलवार को बंगाल सरकार को इसी सिलसिले में निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कहा- अगर आपके पास पुलिस कम है तो आप केंद्र से फोर्स मांगिए। और केंद्र सरकार भी तुरंत आपकी अपील पर कदम उठाए। हमें लोगों की सुरक्षा करनी है। हनुमान जयंती 6 अप्रैल को है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा- पुलिस शांति मार्च निकाले

कोर्ट ने राम नवमी पर हुई हिंसा का हवाला देते हुए सरकार से सवाल किया। कोर्ट ने कहा- आप कह रहे हैं कि कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। हमारे पास कुछ जजों के खत आए हैं। उन्होंने कहा कि उनके घरों के पास दंगा हो रहा है। तब क्या होगा, जब ऐसा ही माहौल कोर्ट परिसर के भीतर भी हो जाए। कुछ तो करना होगा। आप शोभायात्रा के रास्तों पर बैरिकेड्स लगाइए। पुलिस शांति मार्च निकाल सकती है ताकि लोगों को यह लगे कि वह सुरक्षित हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में शिबपुर और रिशरा में हुई हिंसा पर एक रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि हनुमान जयंती के मद्देनजर राज्य में शांति बनाए रखने के लिए वह क्या कदम उठा रही है।

रामनवमी पर बंगाल समेत 5 राज्यों में हिंसा हुई थी, 5 दिन तक तनाव रहा
30 मार्च को रामनवमी पर पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और उत्तरप्रदेश में हिंसा हुई थी। इसके बाद 3 दिनों इन राज्यों के कुछ इलाकों में तनाव बना रहा था। इन राज्यों में करीब 100 से ज्याद लोग गिरफ्तार किए गए थे। सबसे ज्यादा बिहार और बंगाल प्रभावित हुआ।
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के जुलूस पर रोक
दिल्ली में हनुमान जयंती से एक दिन पहले पुलिस ने जहांगीर पुरी में फ्लैग मार्च किया। पुलिस ने 6 अप्रैल को हनुमान जयंती पर जहांगीरपुरी इलाके में जुलूस निकालने के लिए विश्व हिंदू परिषद और एक अन्य समूह को अनुमति देने से इनकार कर दिया।
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने रामनवमी पर हुई हिंसा के लिए बीजेपी और हिंदूवादी पार्टियों को जिम्मेदार बताया था। उन्होंने कहा था कि मुसलमान अभी रमजान का पवित्र महीना मना रहे हैं और इस दौरान वो किसी तरह की गड़बड़ी नहीं करते। मंगलवार को भी ममता बनर्जी ने कहा था कि हनुमान जयंती के मौके पर हिंदुओं को किसी भी तरह की गड़बड़ी और उत्पात से मुसलमानों को बचाना चाहिए। ममता के इन बयानों को बीजेपी ने तुष्टिकरण की सियासत करार दिया था।

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