रामनवमी पर बिहार और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब हनुमान जयंती को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में गृह मंत्रालय ने हनुमान जयंती की तैयारियों को लेकर सभी राज्य सरकारों को सतर्क रहने को कहा है। उधर, कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी मंगलवार को बंगाल सरकार को इसी सिलसिले में निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कहा- अगर आपके पास पुलिस कम है तो आप केंद्र से फोर्स मांगिए। और केंद्र सरकार भी तुरंत आपकी अपील पर कदम उठाए।
राज्यों को केंद्र की एडवाइजरी।
मंत्रालय ने हनुमान जयंती की तैयारी को लेकर सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। राज्य सरकारों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने को कहा गया है। इसके अलावा त्योहार का शांतिपूर्ण पालन करने और समाज में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले लोगों की निगरानी करने को भी कहा है। हनुमान जयंती को लेकर दिल्ली पुलिस भी सतर्क हो गई है. दिल्ली पुलिस के जवानों ने हनुमान जयंती से पहले आज जहांगीरपुरी इलाके में फ्लैग मार्च निकाला. जहांगीरपुरी में दिल्ली पुलिस के अलावा पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी मौजूद हैं. पिछले साल जहागीरपुरी क्षेत्र के जी ब्लॉक में हनुमान जयंती की शोभा यात्रा पर हुए पथराव के बाद दंगा भड़क गया था।
कोर्ट ने बंगाल दंगो पर मांगी रिपोर्ट।
पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार से पूछा कि हनुमान जयंती को देखते हुए राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को हनुमान जयंती के मौके पर शांति बनाए रखने में पुलिस की सहायता के लिए केंद्रीय बलों की मांग करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और हिरणमय भट्टाचार्य की पीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में एक पूरक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें रिसड़ा में हिंसा के कारणों के बारे में जानकारी मांगी गई थी।
रामनवमी पर हुई हिंसा।
30 मार्च को रामनवमी पर पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और उत्तरप्रदेश में हिंसा हुई थी। इसके बाद 3 दिनों इन राज्यों के कुछ इलाकों में तनाव बना रहा था। इन राज्यों में करीब 100 से ज्याद लोग गिरफ्तार किए गए थे। सबसे ज्यादा बिहार और बंगाल प्रभावित हुआ।