Rajasthan Election 2023:राजस्थान में विधानसभा चुनाव जैसे जैसे करीब आरहें हैं। वैसे ही राजस्थान की राजनीति में नए नए मोड़ देखने को मिल रहें हैं। आपको बता देन की कुछ समय पहले सचिन पायलट अपनी ही पार्टी से बगावत कर बैठे थे। वे भ्रष्टाचार सहित कई अन्य आरोपों को लेकर अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ खड़े हो गए थे। लेकिन अब अशोक गहलोत ने बड़ा ऐलान कर दिया है।
आपको बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले अनुमान लगाया गया था कि जो मेवाड़ को जीतेगा वही राजस्थान पर राज कर पाएगा. लेकिन हाल के विधानसभा चुनावों में कुछ कारणों की वजह से राजनीति में बदलाव आ गए थे। मेवाड़ में बीजेपी ने भारी जीत हासिल की थी। हालाँकि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में वापसी कर ली थी। जबकि पूर्वी राजस्थान मेवाड़ पिछले चुनाव में महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया था, जहां भाजपा केवल एक सीट जीतने में सफल रही थी। इसीलिए चुनावी साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा नौ बार पूर्वी राजस्थान का दौरा कर चुके हैं।

लेकिन अशोक गहलोत ने प्रेससवार्ता कर कांग्रेस में पिछले दिनों ही बगावत की घटनाओं के बारे में भी बातचीत की है , अशोक गहलोत का कहना है कि ” मुझे पहली बार मुख्यमंत्री बनाया गया था तो वह सोनिया गांधी का पहला बड़ा राजनीतिक फैसला था’। तब से लेकर आज तक उन्होंने मुझ पर भरोसा किया है। इसीलिए मुझे तीन बार मुख्यमंत्री बनाया गया । लेकिन इस दौरान गहलोत ने बातों – बातों में यह भी कह दिया की चौथी बार मुख्यमंत्री बनने से भी उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
अशोक गहलोत ने एक फिर कहा कि “हमारे कुछ विधायकों को सरकार गिराने के लिए 10 करोड़ रुपये तक की पेशकश की गई थी. साथ उन्होंने इशारों-इशारों में खास तौर पर सचिन पायलट और उनके करीबी लोगों की ओर इशारा किया और कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए पायलट समर्थकों के सभी टिकटों को मंजूरी दी जा रही है. मुझे किसी भी सीट पर कोई आपत्ति नहीं थी।
लेकिन गहलोत का बयान मूल रूप से उच्च अधिकारियों की तरफ इशारा है कि “मानेसर जाने वालों के टिकट नहीं काटे गए हैं, तो मेरे समर्थकों के टिकट क्यों काटे जाएं? अब, हर कोई कांग्रेस की पहली सूची का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, यह देखने के लिए कि क्या अशोक गहलोत अपने सियासी संदेश को आलाकमान तक पहुंचने में कामयाब हो सके हैं।