दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी. दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी लाने को लेकर माफिया राज …
खत्म करने का तर्क दिया था।ये भी दावा है की इससे सरकार के राजस्व का इजाफा होगा।
जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने इस मामले में एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी के साथ ही डिप्टी …
सीएम मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगा था. इसी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 22 अगस्त को ईडी ने आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. 6 महीने की जांच के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया हैं।
मनीष मनीष सिसोदिया का यह किस तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।मनीष सिसोदिया को कई घंटों तक पूछताछ के बाद 26 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था. राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने 6 मार्च को सिसोदिया को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सीबीआई से जुड़े मामले में अब जमानत याचिका पर 21 मार्च को सुनवाई होगी.
ED ने कोर्ट से मांगी 10 दिन की कस्टडी
मनीष सिसोदिया की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के केस में जमानत पर अब 21 मार्च तक सुनवाई टाल दी गई है. वहीं ED की रिम..ED की रिमांड को लेकर भी कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी थी. जज अपने चेम्बर में लौट गए हैं. जज जल्द ही 10 दिन की कस्टडी को लेकर आदेश दे सकते हैं.
ईडी ने कोर्ट को 57 पेज की रिमांड कॉपी सौंपी है. !
सीबीआई मामले पर मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर अब सुनवाई 21 मार्च को होगी
-मनीष सिसोदिया के वकीलों की दलील पूरी हुई
-मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि बुचिबाबू के जिस बयान का ज़िक्र ED का रही है उस समय बुचिबाबू CBI की हिरासत में था
मनीष के वकील ने कहा कि – ईडी का रिमांड आवेदन ही कानूनन गलत है, कोर्ट को ऐसे आवेदन पर जांच एजेंसी को फटकार लगानी चाहिए
-सिसोदिया के वकील ने ये भी कहा कि कुछ लोगों से कहीं मुलाकात हो जाना अपराध साबित नहीं करता.
-सिसोदिया के वकील ने कहा कि एलजी की शिकायत के बाद मेरा फोन बदलने की बात गलत है वहीं मनीष सिसोदिया पर टालमटोल करने का आरोप लगाना गलत है
मनीष सिसोदिया ने अपनी जमानत याचिका में क्या कहा है?
सिसोदिया ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्होंने जांच के दौरान केंद्रीय एजेंसी के साथ पूरा सहयोग किया. सिसोदिया ने कहा कि चूंकि सभी बरामदगी पहले ही की जा चुकी है, इसलिए उन्हें हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं है और इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य अभियुक्तों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है. उन्होंने बताया है कि उन्होंने एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद संभाला है और समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं.