मध्य प्रदेश न्यूज़ :- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम (Instagram) पर फर्जी विज्ञापन बनाकर आईफोन (iPhone )की कम कीमत बता कर ठगी करने वाले आरोपी को मध्य प्रदेश पुलिस के द्वारा पकड़ लिया गया है. साइबर क्राइम ने निवाड़ी तथा दिल्ली से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों के अनुसार यह ठग फर्जी विज्ञापन बनाकर कम कीमत पर आईफोन बेचने का विज्ञापन देकर ठगी को अंजाम देते थे.
भोपाल के साइबर क्राइम ब्रांच(Cyber Crime Branch)ने एक ऐसे समूह को पकड़ा है जो इंस्टाग्राम (Instagram )पर फर्जी विज्ञापन में सस्ते आईफोन का लालच देकर ठगी को अंजाम देते थे. बताया जा रहा है कि इस समूह के पांच लोगों को दिल्ली और एमपी के निवाड़ी से साइबर क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट किया है. अब तक 100 से अधिक लोगों को यह ठग अपनी चपेट में ले चुके हैं.
साइबर क्राइम ब्रांच के अनुसार 13 मई को हिना खान नामक महिला ने भोपाल में लिखित तौर शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें महिला ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम इस्तेमाल करते वक्त उसे एक विज्ञापन दिखा जिसमें आईफोन सस्ते दामों पर भेजा जा रहा था वह विज्ञापन देख उसने मोबाइल बुक कर दिया. जिसके बाद उसे व्हाट्सएप नंबर से पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया. महिला से व्हाट्सएप कॉल के जरिए रिफंड के नाम पर 188999 की ठगी की.
महिला की शिकायत पर केस दर्ज होते ही थाना क्राइम ब्रांच में धारा 420 के तहत जांच शुरू की गई. भोपाल की साइबर क्राइम टीम ने महिला के द्वारा बताई गई इंस्टाग्राम आईडी और व्हाट्सएप नंबर के बारे में जांच पड़ताल शुरू की. इसी के साथ आरोपियों को सीसीटीवी फुटेज व बैंक खाते के आधार पर पहचान कर पकड़ लिया गया.
पुलिस ने इस ठगी के मुख्य आरोपी आशीष यादव को दिल्ली तथा इसके अन्य साथियों को एमपी के निवाड़ी से गिरफ्तार किया. अपराधियों के द्वारा ठगी में इस्तेमाल करने किए जाने वाली कुछ चीजें जैसे की 5 चेक बुक ,3 मोबाइल बिल बुक, 10 अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड, 7 मोबाइल फोन और 11 सिम कार्ड जब्त किए गए हैं.
पुलिस के द्वारा पूछताछ किए जाने पर आरोपी ने बताया कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर इंटीग्रिटी मोबाइल नाम से एक पेज बनाया था जिसमें उन्होंने महंगे मोबाइल को कम कीमत पर बेचने का विज्ञापन दिया था. और उसी विज्ञापन पर उन्होंने संपर्क के लिए एक व्हाट्सएप नंबर भी दिया था. उसे नंबर के जरिए आरोपी आशीष ग्राहकों को 5999 रजिस्ट्रेशन फीस देने को कहता और कम कीमत पर महंगा मोबाइल देने की डील तय करके लोगों को फसाता था.
रजिस्ट्रेशन के पैसे आ जाने के बाद आरोपी आशीष यादव खुद का बनाया हुआ फर्जी बिल लोगों को व्हाट्सएप करता और जीएसटी कस्टम ड्यूटी और अलग-अलग चार्ज के नाम पर लोगों से पैसे लेता था. पैसे आने के बाद इसके दो साथी अंकित कुमार और अभिषेक यादव एटीएम से पैसे निकाल लाते थे और दूसरे खातों में पैसे जमा कर देते थे ताकि पैसे के ऑनलाइन लेनदेन को तोड़ा जा सके.
कौन सा आरोपी क्या काम करता था ?
इन घटनाओं का मुख्य आरोपी आशीष यादव ग्रेजुएट है. वह इंस्टाग्राम पर फर्जी विज्ञापन देता था ग्राहकों से व्हाट्सएप के जरिए संपर्क करता और धोखाधड़ी के लिए फर्जी बिल बनाकर लोगों को देता था. वही इनका दूसरा साथी अंकित नामदेव अपने नाम पर फर्जी खाते खुलवाकर पैसे लेकर भेजता था और वह भी ग्रेजुएट है.
इनके अलावा अंकित कुमार जो की 12वीं पास है आरोपी आशीष यादव को फर्जी खाते खरीद कर भेजता था. खातों में ठगी के पैसे आते ही कैश निकाल कर और अपना कमीशन काटकर दूसरे खातों में जमा कर देता था. इनका एक और साथी अभिषेक यादव जो की 12वीं पास है वह अपने नाम पर झूठे खाते खुलवाकर पैसों में आशीष यादव को बेचता था. और खातों में पैसे आते ही पैसे निकाल लेते थे और अपना कमीशन लेने के बाद दूसरे खातों में पैसे डाल देते थे.