सवालों के घेरे में 3 एकड़ जमीन जो सिद्धारमैया की पत्नी को उपहार में दी गई उनके चुनावी हलफनामे में बेमेल दर्शाया गया

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चुनावी हलफनामी और भूमि रिकॉर्ड के बीच विसंगतियों के अलावा 2010 में उपहार देने से पहले 2004 में सिद्धारमैया के बहनोई द्वारा भूमि का अधिग्रहण करने के तरीके में गड़बड़ी के भी आरोप है. पिछले दिनों कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्ध रमैया ने संपत्ति का हलफनामा दायर किया था. तीन विधानसभा चावन के संबंध में परिस्थितियों में कई विसंगतियां हैं कुछ आधिकारिक दस्तावेजों की विश्लेषण के अनुसार मैसूर में कृषि भूमि में 3.16 एकड़ के पार्सल का स्वामित्व जो 14 साल पहले उनकी पत्नी को उपहार में दिया गया था.


यह भूमि पार्सल जो 2010 में मुख्यमंत्री की पत्नी बम पार्वती सिद्ध रमैया को उनके भाई द्वारा उपहार में दिया गया था. राज्य में राजनीतिक तूफान के केंद्र में भी है और भाजपा ने जुलाई में सिद्धार्थ मैया के गृह जिले मैसूर में विरोध प्रदर्शन का आवाहन किया है. भाजपा और जड़ ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित 14 आवास भूखंडों के बदले विवादास्पद 50 : 50 वैकल्पिक साइट योजना के तहत 2021 में राज्य को भूमि के हस्तांतरण पर सवाल उठाया है. सिद्धारमैया ने विपक्ष के आरोपी को खारिज कर दिया है. जिसमें कहा गया है की भूमि विनिमय तब हुआ था जब भाजपा सत्ता में थी और उनकी कांग्रेस सरकार ने इस योजना को रोक दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुडा द्वारा उनकी पत्नी की अधिग्रहीत जमीन के लिए बाजार दर पर 62 करोड रुपए का मुआवजा दिया जाता है तो वह मैसूर में प्लॉट वापस करने को तैयार हैं.

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2013 में अपनी पत्नी द्वारा उपहार के रूप में भूमि प्राप्त करने के 3 साल बाद सिद्धार्मैया द्वारा दायर चुनावी हलफनामा बताता है कि इस अवधि के दौरान उनके पास कोई कृषि भूमि का स्वामित्व नहीं था. लेकिन केसारे गांव के भूमि रिकॉर्ड से पता चलता है कि बीएम मलिकार्जुनस्वामी से उनकी बहन बीएम पार्वती , सिद्धारमैया की पत्नी को तीन बिंदु एक छह एकड़ जमीन के उपहार विलेख के लिए 20 अक्टूबर 2010 को एक उप परिवर्तन रिकॉर्ड संख्या साथ बनाया गया था. 2018 में सिद्धार्थ मैया के हलफनामी में जमीन पर उनकी पत्नी के स्वामित्व का जिक्र है मुख्यमंत्री के पति या पत्नी के स्वामित्व वाली कृषि भूमि के कालम में कहा गया है मेरे भाई बीएम मलिकार्जुन स्वामी से दिनांक 20 -10 -2000 को उपहार मिला.


2023 के हलफनामे में अप्रैल 2023 में सिद्धार्थ रमैया की पत्नी के पास गैर कृषि भूमि के कलम में के सारे गांव की भूमि के बदले मुंडा द्वारा 37190 वर्ग फुट भूमि का आवंटन दिखाया गया है विजयानगर मैसूर में स्थित है. खरीद के समय जमीन की कीमत 15130 बताई गई है और अप्रैल 2023 में इसकी कीमत 8:30 करोड रुपए आकी गई है. एक अंतिम मोड में अधिकतर किराएदारी और फसलों के लिए राज्य का रिकॉर्ड अभी भी 2023 24 की अवधि के लिए बम पार्वती सिद्ध रमैया के नाम पर 3.16 एकड़ जमीन दिखाता है. यह पूछे जाने पर की भूमि रिकॉर्ड डाटा अभी भी सिद्धार्थ रमैया की पत्नी के नाम पर जमीन क्यों दिखता है कम के प्रेस सचिव कवि प्रभाकर ने कहा इसकी जांच की जानी बाकी है. इनमें से कुछ विसंगतियां को बेंगलुरू स्थित कार्यकर्ता डीजे अब्राहम द्वारा बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास दायर की गई शिकायत के केंद्र में है. जिसमें आरोप लगाया गया है कि सिद्ध रमैया ने 2023 के राज्य चुनाव से पहले झूठा हलफनामा दायर किया था विपक्षी दलों ने जमीन के मुआवजे में 62 करोड रुपए के मुख्यमंत्री के दावे पर भी सवाल उठाया है जब 2018 के चुनावी हलफनामी में इसकी कीमत केवल 25 लख रुपए घोषित की गई थी.

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शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कम और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों ने झूठे दस्तावेज बनाए और अवैध रूप से करोड़ों रुपए की भूखंड हासिल करके मुंडा को धोखा दिया इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि 3.16 एकड़ जमीन के लिए 20045 की अवधि के रिकॉर्ड यह दिखाने के लिए गढ़े गए थे कि इसे मूल रूप से कम की पत्नी के भाई ने एक दलित किसान से खरीदा था हालांकि जमीन 1992 में मुडा द्वारा सीटों के लिए पहले ही अधिग्रहित कर ली गई थी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री के एक सहयोगी ने शिकायत को टच बताते हुए खारिज कर दिया मुडा योजना से संबंधित अन्य कई शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने 50 : 50 वैकल्पिक साइट योजना के कामकाज की एक आईएएस अधिकारी द्वारा जांच का आदेश दिया और इसके तहत सभी आवंटन रोक दिए हैं.

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