सरकार ने शराब नीति में किया बदलाव।लोग इधर उधर शराब पीने की देख रहे जगह।।

sharab

इस नई व्यवस्था से ठेके दारों के सामने संकट यह है कि अहाते तो बंद करना पड़ेंगे, लेकिन फीस में किसी तरह की रियायत नहीं मिलने वाली है। इसको लेकर अब ठेकेदार गोलबंद हो रहे है और शराब दुकानों की नीलामी के समय वह मोनोपॉली बनाने की कौशिश कर सकते हैं, वैसे हर बार तो लायसेंस फीस में 15 प्रतिशत की बढ़ौतरी रिन्युवल कराने के लिए होती थी, लेकिन सरकार ने इस बार रिन्युवल कराने पर फीस में सिर्फ 10 प्रतिशत की ही बढ़ौतरी की है।

मध्यप्रदेश में नई शराब नीति के तहत 1 अप्रैल से अहाते बंद कर दिए गए। यानी अब शराब दुकान पर बैठकर शराब पीते मिले, तो कार्रवाई हो सकती है।

स्कूल व धार्मिक स्थल से 200 मीटर की दूरी से भी कई दुकानें प्रभावित हो सकती हैं, जिसको लेकर शराब ठेकेदारों ने अभी से अपने लिए नया स्थान खोजने का क्रम शुरू कर दिया है और इसके लिए वह फीता डालकर नाप भी कर रहे है ताकि बाद में दूरी का किसी तरह का विवाद न रहे। नई नीति में वैसे तो बीयरबार भी बंद करने का फरमान है, लेकिन इसको लेकर अभी तक ग्वालियर में आबकारी विभाग के पास कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है। यहां बता दे कि ग्वालियर जिले में करीब 30 बीयरआर है, जिसमें रेस्टारेन्ट व होटल भी शामिल है।

प्रदेश के 7 जिलों में स्थित शराब दुकानों पर रियलिटी चेक किया। इसमें सभी जगह स्थिति एक जैसी नजर आई। अहातों में ताले जरूर लटके हैं, लेकिन, दुकान के सामने पीने वालों का जमावड़ा है। आसपास मौजूद ठेलों पर नशेड़ियों की भीड़ है। झाड़ियों में छिपकर झुंड में युवकों की टोलियां जाम छलका रही है। कहीं-कहीं तो होटलों, ढाबों और चाय-पानी की दुकानों पर भी शराब की बोतलें खाली हो रही हैं।

नई शराब नीति को लेकर के जबसे आहतें बंद हुई है तब से शराबियों का जमावड़ा जगह-जगह लगता हुआ नजर आ रहा है। कई लोग तो यह भी कह रहे हैं कि हमारी बहू बेटियां और बच्चे इसे देख करके इनकी हरकतों को देख करके यह सब सीख रहे हैं ।कहीं ना कहीं सरकार ने अहाते बंद करके कहीं कोई गलती तो ना कर दी

भोपाल में शराब दुकान के विरोध में सड़क पर महिलाएं; 5 दिन से धरना

शराब पीकर शराबी गलत हरकतें और कमेंट्स करते हैं। कई बार तो हमारे साथ धक्का-मुक्की भी हो चुकी है। हम चुप रहे, लेकिन अब और सहन नहीं होता। शराब दुकान जब तक नहीं हटेगी, तब तक दिन-रात धरना देंगे। चाहे सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन भी करना पड़े तो करेंगे।’ यह कहना है भोपाल के आनंदनगर की मेघा गोयल का। मेघा उन महिलाओं में शामिल हैं, जो पिछले पांच दिन से शराब दुकान के विरोध में धरने पर बैठी हैं। उनकी मांग है कि आनंदनगर की शराब दुकान को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए। इस मांग के लिए महिलाओं ने 1 अप्रैल से शराब दुकान नहीं खुलने दी है। दुकान के सामने टेंट लगाकर धरना देते हुए सुंदरकांड और भजन-कीर्तन भी कर रही हैं

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top