गर्मी के मौसम के आने से पहले ही तापमान में बढ़ोतरी के चलते आने वाले महीनों में बिजली कटौती की आंशका जताई जा रही है. ऐसे में लोगों को राहत दिलाने और बिजली कटौती को रोकने के लिए ऊर्जा मंत्रालय हरकत में आ गया है। केद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह बिजली कंपनियों से हर हाल में ये सुनिश्चित करने को कहा है कि गर्मियों के मौसम में बिजली कटौती का लोगों को सामना ना करना पड़े।
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी का अनुमान है कि अप्रैल में एनर्जी की डिमांड 229 गीगावाट (GW) होगी. एजेंसी के अनुसार, अप्रैल में ऊर्जा की मांग सबसे ज्यादा 1,42,097 एमयू (ऊर्जा की मिलियन यूनिट) होगी, जो मई के 1,41,464 एमयू के अनुमान से ज्यादा है. रॉयटर्स के मुताबिक, सरकारी डेटा और इंटरनल डाक्यूमेंट्स के अनुसार अप्रैल की रात में एनर्जी की डिमांड 217 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना है.
ये है योजना।
भारत के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह गर्मियों के दौरान कटौती से मुक्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति अपना रहे हैं. 9 मार्च को रेल, कोयला और बिजली मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक में, सिंह ने बिजली क्षेत्र की कंपनियों से पीक डिमांड अवधि के दौरान लोड-शेडिंग नहीं सुनिश्चित करने का आग्रह किया. मांग एवं आपूर्ति के बीच संतुलन पैदा करने के लिए किसी विशेष में क्षेत्र निश्चित अवधि के लिए बिजली की आपूर्ति को रोकने का कार्य लोड शेडिंग या बिजली कटौती कहलाता है।
कोयला आधारित बिजली प्लांट्स का रखरखाव सुनिश्चित करे।
पावर प्लांट्स को निर्देशित किया गया है कि वे पीक डिमांड अवधि से पहले कोयला आधारित बिजली प्लांट्स का रखरखाव सुनिश्चित करें. बिजली क्षेत्र को और सपोर्ट करने के लिए नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NTPC) को अप्रैल-मई में संकट की अवधि के दौरान अपने 5,000 मेगावाट गैस आधारित बिजली स्टेशनों को चलाने के लिए कहा गया है।
कोयले की उपलब्धता पर निर्देश।
रेल मंत्रालय ने कोयले के परिवहन के लिए पर्याप्त रैक की उपलब्धता का आश्वासन दिया, जिसमें कोल इंडिया, जीएसएस और कैप्टिव ब्लॉक की अलग-अलग सहायक कंपनियों को 418 रेक उपलब्ध कराए जाएंगे.