भोपालः मध्य प्रदेश सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। सरकारी नौकरी में सेवा के दौरान जान गंवाने वाले शासकीय कर्मचारियों के आश्रितों और परिवारजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने की शर्तों में बदलाव किया गया है। अब मृत कर्मचारी की विवाहित बेटी और बहू को भी अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति मिल सकेगी। इतना ही नहीं, पुत्री या बहन के विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता या अविवाहित होने पर कोई भेद नहीं किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों में परिवर्तन से संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं।
एमपी में अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में बदलाव किया गया है। अब मृत सरकारी कर्मचारी की विवाहित बेटी के साथ बहू भी नियुक्ति की हकदार होगी। पुत्री या बहन के विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता, अविवाहित होने में कोई भेद नहीं किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने बदलाव से संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में नौ साल बाद बड़ा बदलाव
अब मृत कर्मचारी की विवाहित बेटी भी होगी नियुक्ति की हकदार
पुत्री या बहन के विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता या अविवाहित होने पर कोई फर्क नहीं
आदेश के अनुसार अब तक अनुकंपा नियुक्ति में पति या पत्नी की पात्रता नहीं होने या उनके मना करने पर पुत्र या पुत्री दोनों में से किसी को भी पात्रता होगी। इससे पहले तक अविवाहित पुत्री और बहन ही पात्र थी। अब शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर विवाहित पुत्री भी पात्र होगी। ऐसी नियुक्ति पाने वाली पुत्री को यह शपथ पत्र भी देना अनिवार्य है कि वह आश्रित पति या पत्नी के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाएगी।
वहीं, अविवाहित शासकीय सेवक की मृत्यु पर माता-पिता की अनुशंसा पर भाई और बहन दोनों पात्र होंगे। पहले सिर्फ अविवाहित बहन ही पात्र थी। वहीं, माता-पिता के जीवित नहीं होने पर छोटे भाई-बहन को आपसी सहमति से नौकरी दी जाएगी। साथ ही सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि पुत्री या बहन के विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता, अविवाहित होने पर कोई भेद नहीं किया जाएगा। सरकार के आदेश से आश्रित महिलाओं को राहत मिलेगी।
ये नियम पूरी तरह से हटा
साथ ही नियम से भी था कि अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए मृतक कर्मचारी के पति या पत्नी का होना जरूरी है तभी उनकी अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. इतना ही नहीं अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले को मृत कर्मचारी के आश्रित जो जीवित हैं, मां या पिता के भरण पोषण की जिम्मेदारी निभाने का लिखित में शपथ पत्र देना होगा. अब ये नियम पूरी तरह से हटा दिया गया है.