शेयर खरीदने और बेचने के दो प्लेटफार्म है – NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करने की सोच रहे हैं या अभी-अभी शुरुआत की है तो एक सवाल मन में जरूर उठता होगा कि आखिर बीएसई में निवेश करने से फायदा है या फिर एनएसई में निवेश करना चाहिए।
NSE और BSE दोनों पर खरीद सकते है शेयर।
ये दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज हैं। बीएसई में करीब 5000 कंपनियां लिस्टेड हैं, जो एशिया का सबसे पुराना एक्सचेंज है। वहीं दूसरी ओर एनएसई में लगभग 1600 के करीब कंपनियां लिस्टेड हैं। दोनों के ही जरिए आप शेयर बाजार में पैसे लगा सकते हैं। अधिकतर कंपनियां दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होती हैं, इक्का-दुक्का कंपनियां भी सिर्फ एक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती है।
BSE – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या BSE की स्थापना 1875 में हुई थी और इसे पहले ‘नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के नाम से जाना जाता था।
हालाँकि, प्रतिभूति अनुबंध विनियमन अधिनियम 1956 के तहत भारत सरकार ने 1957 के बाद इस शेयर बाजार को भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी।BSE एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। वर्ष 1875 में इसे “द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन” के रूप में जाना जाता था।
बीएसई बाजार डेटा, जोखिम प्रबंधन और CDSL (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड) डिपॉजिटरी सेवाओं सहित अन्य सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है
NSE – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केट है। यह मुंबई में स्थित है।NSE पहली बार 1992 में भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक विनिमय प्रणाली लेकर आया था जिसके कारण कागज आधारित प्रणाली का अंत हो गया था।एनएसई (NSE) ने निफ्टी 50 को 1996 में शीर्ष 50 स्टॉक इंडेक्स के लिए विशिष्ट आधार के रूप में विकसित किया और इसका व्यापक रूप से भारतीय पूंजी बाजारों और भारतीय निवेशकों द्वारा बैरोमीटर के रूप में उपयोग किया जाता है।
दोनों पर लगा सकते है पैसे।
आप जिस भी ब्रोकर के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाएंगे, वह बीएसई और एनएसई दोनों ही एक्सचेंज पर रिजस्टर्ड होगा। फिर भी अगर आप अपने पसंद के एक्सचेंज में पैसा लगाना चाहते हैं तो शेयर खरीदते वक्त आपको विकल्प मिलेगा। इसी तरह शेयर बेचते वक्त भी आपको विकल्प मिलेगा कि आप किस एक्सचेंज पर शेयर बेचना चाहते हैं।