अगर शी जिनपिंग के निजी जीवन की बात करें तो बहुत ही संघर्ष भरा जीवन उनका निकला बचपन से ही लोगों के द्वारा उनको नकारा गया इसके साथ ही उनके जीवन में उनकी बहन ने जब आत्महत्या करी तो उनके जीवन का वह सबसे कठिन पलों समय था लेकिन शी जिनपिंग ने कभी हार नहीं मानी। शी जिनपिंग अकेले पड़ गए लेकिन फिर भी संघर्ष करते रहे सिर्फ 15 साल की उम्र में शी को मध्य चीन के ग्रामीण इलाकों में जाने का आदेश दिया गया, जहां उन्होंने कई साल अनाज ढोने और गुफा वाले घरों में बिताए।
उनके बारे में कहा जाता है कि शी शुरू से महत्वाकांक्षी रहे। इसके लिए उन्होंने हर संभव प्रयास किए।
सर्वसम्मति से शी जिनपिंग को राष्ट्रपति बनाने के लिए मतदान किया।
एक बार फिर जनता के प्यार और आशीर्वाद से शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। कम्युनिस्ट पार्टी की सालाना कांग्रेस में ही शी जिनपिंग ने अपनी नई टीम का चुनाव भी किया था। जिसके तहत ली कियांग को चीन का नया प्रधानमंत्री चुना गया था।
लगातार तीसरी बार इस पद पर बने रहने वाले वे देश के पहले राष्ट्रपति हैं। शुक्रवार को चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के लगभग 3,000 सदस्यों ने सर्वसम्मति से शी जिनपिंग को राष्ट्रपति बनाने के लिए मतदान किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिनपिंग का एक बार फिर राष्ट्रपति बनना तय था, क्योंकि चुनाव में उनके सामने कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ था। शी को चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष के रूप में तीसरे कार्यकाल के लिए भी चुना गया था।
अब तक चीन में नियम था कि कोई भी व्यक्ति दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं रह सकती है, लेकिन शी जिनपिंग ने 2018 में इस नियम को बदल दिया था। इसका मतलब यह है कि शी जिनपिंग चीन पर तब तक शासन कर सकते हैं, जब तक कि वह सेवानिवृत्त नहीं हो जाते, मृत्यु नहीं हो जाती है या उन्हें हटा नहीं दिया जाता।
पिछले साल अक्टूबर में शी जिनपिंग को रिकॉर्ड तीसरी बार पांच साल की अवधि के लिए कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव के रूप में फिर से चुना गया था। ताजा घटनाक्रम के बाद कहा जा रहा है कि शी, माओत्से तुंग के बाद देश के सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं।
चीन की संसद ने झाओ लेजी को नई संसद अध्यक्ष और हान झेंग को नए उपाध्यक्ष के रूप में चुना। ये दोनों पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में शी की पार्टी के नेताओं की पिछली टीम में थे।
राष्ट्रपति चुने जाने के बाद शी जिनपिंग सोमवार को पार्टी की संसदीय बैठक को संबोधित करेंगे। वहीं सोमवार शाम में ही शी जिनपिंग पत्रकारों से बात करेंगे। इस हफ्ते की शुरुआत में ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने एक ड्राफ्ट प्लान पेश किया था, जिसमें बताया गया है कि कम्युनिस्ट पार्टी सरकार पर अपना सीधा नियंत्रण बढ़ाने वाली है। अक्टूबर में हुई कम्युनिस्ट पार्टी की सालाना कांग्रेस में ही शी जिनपिंग ने अपनी नई टीम का चुनाव भी किया था। जिसके तहत ली कियांग को चीन का नया प्रधानमंत्री चुना गया था। साथ ही ली शी, डिंग जुएक्सियांग और काई क्यूई को भी जगह दी गई है।