आपको बतादें की अगर आप पूरे विधिविधान से भगवान शिव की पूजा करते है तो इससे आपको कई जन्मों का फल मिलता है. इसके साथ ही आपको आपकी इच्छा के अनुसार फल भी मिलता है. ऐसे में जरूरी है की आप भगवान शिव की पूजा करते हुए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें. ये रही वो बातें.
बेल पत्र है भगवान शिव को सबसे प्रिय. अगर आप चाहते है की आपकी इच्छा को भगवान पूरा करें तो इसके लिए जरूरी है की आप भगवान शिव को बेल पत्र जरूर अर्पित करें. जिससे आपकी इच्छज्ञ पूरी हो सके लेकिन आपको इससे पहले इस बात का जान लेना ज्यादा जरूरी है की आपका किस समय और किस प्रकार से आप भगवान शिव को ये बेल पत्र अर्पित कर सकते है. आपको बतादें की पूरानी प्रथाओं के मुताबिक बेल पत्र को तोड़ने से पहले एक मंत्र का उच्चारण करना बेहद जरूरी होता है.
उस मंत्र के उच्चारण के बाद ही आपको बेल पत्र तोड़ना चाहिए. मंत्र के उच्चारण से भगवान शिव आपके बेल पत्र को स्वीकार करते है.
ये है वो मंत्र
अमृतोद्धव श्रीवृक्ष महादेवप्रिय: सदां ।
गृहामि तव पत्रणि शिवपूजार्थमादरात्।।
इसके साथ ही एक बात का और ध्यान रखें की कभी भी आपको अष्टमी, नवमी, चतुर्थीचतुर्दशी और अमावस्या या फिर सोमवार के दिनों पर कभी बेल पत्र को ना तोडें. पूजा से एक दिन पहले ही बेल पत्र को तोड़ लें और अगले दिन उसे भगवान शिव को अर्पित करें.
बेल पत्र को चढ़ाते हुए ख्याल रखें की बेल पत्र को मुख ऊपर की ओर हो. इसके साथ ही आपको बतादें की इन्हें वैसे ही चढाना चाहिए जैसे ये उगते है. बेल पत्र चढ़ाते हुए सीधे हाथ की अपनी मध्यमा, अंगुठे और अनामिका अंगूली का प्रयोग करें.