रोजगार आज की सबसे बड़ी जरूरत है। एक लाख 24 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है पर सरकारी नौकरियों की एक सीमा है, इसलिए स्वरोजगार के लिए युवाओं को न केवल प्रेरित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें बैंकों से ऋण दिलाने में हर संभव मदद भी की जा रही है। सोचा यह भी काफी नहीं है, इसलिए युवाओं को हुनरमंद बनाकर अपने पैरों पर खड़ा करने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया जा रहा है। भत्ता देना कोई विकल्प नहीं है। एक लाख युवाओं को एक वर्ष में कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाकर तैयार करेंगे। इतना ही नहीं उन्हें एक वर्ष में एक लाख रुपये भी दिए जाएंगे। मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू करवाने के बाद अब यह भी विचार किया जा रहा है कि हिंदी माध्यम से पढ़कर आने वाले विद्यार्थियों के लिए क्यों न कुछ सीटें आरक्षित कर दी जाएं।
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने चौथे कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने से पहले विशेष चर्चा में कही।
लाड़ली बहना योजना से बहनों की इज्जत और आत्मसम्मान बढ़ेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना फ्री में बांटना नहीं है। कई दिनों से सोच रहा था कि क्या करूं। हमने विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा, भारिया और सहरिया) की बहनों को एक हजार रुपये पोषण भत्ता देना शुरू किया था, जिसे कमल नाथ सरकार ने बंद कर दिया था। पैसा आत्मविश्वास पैदा करता है और आर्थिक सशक्तीकरण अन्याय से बचाता है। हमने महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए कई कदम उठाए हैं। बजट में एक लाख दो हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इसी कड़ी में लाड़ली बहना योजना प्रारंभ की गई है। इससे बहनों की घर में इज्जत और आत्मसम्मान बढ़ेगा। बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी देने का कानून बनाने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है।
तीन साल में किसानों को सवा दो लाख करोड़ रुपये मिले
चौथी बार सत्ता संभालने के एक सप्ताह के भीतर फसल बीमा के दो हजार 200 करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा करने का निर्णय लिया। कमल नाथ सरकार ने यह राशि जमा नहीं की थी। इसके कारण किसानों को फसल बीमा नहीं मिल रहा था। तीन साल में 16 हजार 200 करोड़ रुपये का बीमा मिला। प्रतिवर्ष 30 लाख से अधिक किसानों को ब्याज रहित ऋण दिया जा रहा है। कोरोना काल में जब सब कुछ बंद था, तब रिकार्ड गेहूं खरीदकर किसानाें को राहत पहुंचाई। मंडी में मूंग सात हजार 200 रुपये प्रति क्विंटल में खरीदी, जबकि मंडियों में इससे दो हजार रुपये कम मिल रहे थे।
एक लाख 40 हजार रुपये हो गई प्रति व्यक्ति वार्षिक आय
प्रदेश में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय एक लाख 40 हजार रुपये प्रतिवर्ष हो गई है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में हमारा योगदान 4.6 प्रतिशत हो गया है। निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। हमारे गेहूं ने दुनिया में अपनी जगह बना ली है। पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ाया जा रहा है। आत्म निर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप अनुसार आगे बढ़ रहे हैं।
कमल नाथ नहीं झूठ नाथ हैं
कमल नाथ को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे झूठ नाथ हैं। पांच सौ रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने का कहना हो या फिर कुछ और, कह दो देना तो है नहीं। मैंने इतने प्रश्न पूछे पर किसी को उत्तर नहीं दिया।