आजकल लगातार यह देखा जा रहा है कि शादी पार्टी में डांस करते हुए युवाओं को हार्टअटैक आता है और उनकी मौत हो जाती है जिम जाने वाले युवाओं में भी यह परेशानियां देखने को मिल रही है खासकर के युवा वर्ग में यह परेशानियां ज्यादा देखने को मिल रही है।बारात में अचानक नाचते-गाते गिर जाना और हार्ट अटैक से मौत हो जाना, जिम में वर्कआउट करते करते दिल की धड़कने रुक जाना, या फिर चलते चलते ही अचानक सांसे थम जाना ….क्या यह सब केवल इत्तेफाक है कि हम ऐसी तस्वीरें आए दिन देख रहे हैं. ऐसे में हमें यह जानना जरूरी है क हार्ट क्यों आता है, किस तरह गलतियां हमारे स्वास्थ्य पर भारी पड़ती हैं और इसके बचाव क्या हैं?
डांस करते हुए क्यों आ रहा हार्ट अटैक
डांस के मामले में एक्सपर्ट्स का कहना है कि डांस करना हेल्थ के लिए अच्छा है लेकिन आप रोज डांस नहीं करते तो अचानक बहुत तेज डांस करने से बचें वरना दिक्कत आ सकती है. क्योंकि तेज डांस करने के दौरान हार्ट रेट बढ़ जाता है. इस वजह से हार्ट पर प्रेशर पड़ता है. अगर कोई व्यक्ति मोटापे या हाइपरटेंशन से ग्रस्त है तो अचानक तेज डांस करने से दूरी बना लें, वरना कार्डियक अरेस्ट का खतरा हो सकता है और इसमें आपकी जान भी जा सकती है.
हार्ट अटैक (Heart Attack) से बचाव के लिए डॉक्टर लाइफस्टाइल में सुधार और बैलेंस्ड डाइट के अलावा ब्रिस्क वॉक करने की सलाह दे रहे हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों का कहना है कि दिल को हेल्दी रखने के लिए ब्रिस्क वॉक काफी अच्छी है, जो वजन कंट्रोल करने के साथ ही दिल को मजबूत भी रखती है.
डॉक्टर की सलाह
BL कपूर मैक्स अस्पताल के कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर नीरज भल्ला के मुताबिक किसी स्वस्थ इंसान को ऐसे ही अचानक हार्ट अटैक नहीं आता. बहुत बार लोगों को अपने दिल की सही हालत का अंदरूनी अंदाजा ही नहीं होता. इसलिए इसकी वजह जानना जरूरी है.
आखिर कैसे आता है हार्ट अटैक?
अटैक अचानक ही होता है, फिर चाहे हार्ट का हो या ब्रेन का हो। लेकिन कई महीने या कुछ हफ्तों पहले से शरीर में कुछ ऐसे बदलाव नजर आने लगते हैं, जो हमारे दैनिक जीवन में दखल डालते हैं। मेडिकल की भाषा में हार्ट अटैक को एमआई कहा जाता है यानी मायोकार्डियल इंफ्रेक्शन (Myocardial Infarction)।
-चलने पर काम करते समय छाती में हैवीनेस या भारीपन होता है। जो काम बंद करने के बाद ठीक हो जाता है। एंजायना पेन कहलाता है। यह दिल की बीमारी का एक सामान्य लक्षण होता है और ज्यादतर केसेज में देखने को मिलता है।
सांस फूलना
सांस फूलने की दिक्कत होने लगती है। जैसे आपको कुछ अचानक लगता है कि रोज तो आप दो फ्लोर या लंबी दूरी चलकर ऑफिस जाते थे लेकिन अभी तो एक मंजिल उतरते या चढ़ते ही आपकी सांस फूलने लगती हैं। अगर ऐसा लंबा समय तक हो रहा है और आपकी हेल्थ में किसी और तरह की दिक्कत नहीं है तो आपको इस समस्या को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
मिमिक सिंप्टम्स
-कई बार लगता है खाने के बाद गले में जलन हो रही है। ऐसा दिन में जब भी आप कुछ खाते हैं उसके बाद भी महसूस हो सकता है। जबकि खाना खाने के बाद अक्सर ऐसा होता है। यह भी अचानक हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है।
-जरूरी नहीं है कि ऐसा सभी के साथ हो या फिर यह सिर्फ हार्ट अटैक का लक्षण ही हो इसकी कोई और वजह भी हो सकती है लेकिन यह हार्ट अटैक के प्रीसिंप्टम्स में भी शामिल हो सकता है।
पोस्टप्रैंडियल एंजाइना (Postprandial Angina)
-पोस्ट प्रैंडियल एंजाइना सीने में उठनेवाले उस तेज दर्द को कहते हैं, जो खाना खाने के बाद उठता है। यानी खाना खाने के बाद अगर आप तुरंत चलने लगते हैं तो आपको दिक्कत होने लगती है। इस दौरान सीने में जलन के साथ तेज दर्द होता है।
इस स्थिति में जब व्यक्ति रुकता है और आराम करता है तो यह दर्द ठीक हो जाता है। अगर यह स्थिति किसी के साथ लंबे समय से बनी हुई है तो यह भी हार्ट की बीमारी का लक्षण हो सकती है।
चक्कर आना और घबराहट होना
-हार्ट की तकलीफ से जुड़े कुछ लक्षण ऐसे होते हैं, जो कई अन्य बीमारियों में भी देखने को मिलते हैं। इस कारण इन लक्षणों के आधार पर बिना जांच किए यह समझ पाना मुश्किल होता है कि यह हार्ट अटैक का लक्षण है। क्योंकि ये लक्षण कई अन्य बीमारियों में भी देखने को मिलते हैं।
- इनमें चक्कर और उल्टी आना या चक्कर के साथ उल्टी जैसा (नोजिया) महसूस होना भी हार्ट की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि ये लक्षण पेट की बीमारी, ब्रेन से जुड़ी दिक्कत या शुगर कम होने पर भी महसूस हो सकते हैं। हार्ट वाले केस में कई बार सिर्फ चक्कर भी आ सकता है और नोजिया फील नहीं होता।
इस दर्द पर जरूर दें ध्यान
-ऊपर बताए गए लक्षणों के अलावा कुछ लोगों को लेफ्ट हेंड यानी बाएं हाथ में दर्द रहने की समस्या होने लगती है। यह दर्द जॉ लाइन यानी जबड़े तक जाता है। जबकि कुछ लोगों में लेफ्ट और राइट दोनों हाथों में दर्द हो सकता है, साथ ही यह दर्द जॉ लाइन तक जाता है।
-आमतौर पर यह दर्द चलते वक्त या कोई काम करते वक्त महसूस होता है। लेकिन रुकने और आराम करने पर ठीक हो जाता है। ऐसे में अक्सर इसे थकान या कमजोरी के कारण होनेवाला दर्द मानकर अनदेखा कर दिया जाता है। क्योंकि यह उस स्थिति में भी हो सकता है। जबकि हार्ट अटैक का लक्षण भी हो सकता है।
थकान होना
जब भी हम थक जाते हैं तो इसे कमजोरी की निशानी मान लेते हैं। कोई भी काम करते हुए जल्दी-जल्दी थकान होना…यानी कमजोरी आना। लेकिन कई बार यह कमजोरी हार्ट की बीमारी का लक्षण भी हो सकती है।
-हो सकता है कि हार्ट की किसी नली में सूजन या इंफेक्शन की दिक्कत हो रही हो। साथ ही यह थकान दिल के कमजोर हो जाने का लक्षण भी हो सकती है।
ट्रेडिशनल रिस्क फैक्टर
-स्मोकिंग, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा या फैमिली हिस्ट्री। ये कुछ ऐसे कारक हैं, जो दिल के दौरे के ज्यादातर मरीजों में देखने को मिलते हैं। इसलिए जरूरी है कि अपनी लाइफस्टाइल को सही रखा जाए।
- अगर फैमिली हिस्ट्री की बात करें तो सबसे पहले फर्स्ट डिग्री रिलेटिव्स के बारे में पता किया जाता है। फर्स्ट डिग्री रिलेटिव्स यानी आपके मम्मी-पापा या भाई-बहन। अगर इनमें से किसी को कम उम्र में हार्ट अटैक हुआ है या हार्ट की अन्य बीमारियां हुई हों तो आपको खास ध्यान देना चाहिए।
-क्योंकि जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री में हार्ट अटैक या हार्ट फेल्यॉर के केस होते हैं, उनके इस बीमारी की चपेट में आने की अधिक आशंका होती है। ऐसे में आपको अहतियात के तौर पर अपना रुटीन चेकअप कराते रहना चाहिए।
-खास बात यह है कि जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री में हार्ट पेशंट होते हैं उन्हें तो हार्ट की बीमारी का खतरा होता ही है, साथ ही इनमें भी खासतौर पर ऐसे लोग, जिनके फैमिली मेंबर्स को 50 साल की उम्र से पहले अटैक हुआ हो, उन्हें अपना अधिक खयाल रखने की जरूरत होती है।
डॉक्टर की सलाह
BL कपूर मैक्स अस्पताल के कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर नीरज भल्ला के मुताबिक किसी स्वस्थ इंसान को ऐसे ही अचानक हार्ट अटैक नहीं आता. बहुत बार लोगों को अपने दिल की सही हालत का अंदरूनी अंदाजा ही नहीं होता. इसलिए इसकी वजह जानना जरूरी है.
मेयो क्लिनिक हेल्थ सिस्टम के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर जोएल बीचे सलाह देते हैं कि यदि आपको दिल का दौरा पड़ने के लक्षण दिखाई देते हैं, तो एम्बुलेंस को कॉल करने के बाद एस्पिरिन कि 325 मिलीग्राम की पूरी खुराक लें। यदि आपके पास बेबी एस्पिरिन है, जो 81 मिलीग्राम की खुराक में आती है, तो उनमें से चार लें।
दरअसल, एस्पिरिन लेने से आपकी धमनियों के अंदर बनने वाले रक्त के थक्के को तोड़ने में मदद मिल सकती है, जो दिल के दौरे के दौरान धमनी में रक्त के प्रवाह को रोकता है। इसे निगलने के बजाय चबाने की सलाह देते हैं, ताकि यह आपके सिस्टम में तेजी से प्रवेश कर सके।
अगर आपको लगता है कि आपको दिल का दौरा पड़ रहा है, तो ड्राइव करके अस्पताल पहुंचने की गलती न करें। इसमें आपके होश खोने और सड़क पर खुद को या दूसरों को चोट पहुंचाने का खतरा रहता है। दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करें क्योंकि इससे रास्ते में लक्षण बिगड़ने पर आपको बेहतर मदद मिल सकती है।
यदि दिल का दौरा पड़ने वाला व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है या आपको नाड़ी नहीं मिल रही है, तो रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) शुरू करें। सुनिश्चित करें कि आप पहले आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए कॉल करें और फिर सीपीआर शुरू करें। केवल हैंड्स-ओनली सीपीआर के लिए आवश्यक है कि आप व्यक्ति की छाती के केंद्र पर काफी तेज लय में जोर से और तेजी से दबाव डालें। एक मिनट में लगभग 100 से 120 कंप्रेशन – जब तक कि पैरामेडिक्स नहीं आ जाएं।
हार्ट अटैक से बचाव के टिप्स
एक स्वस्थ, संतुलित आहार खाएं (अतिरिक्त फैट / तेल / मांस से बचें; हरी सब्जियां, फल, नट्स, मछली अपनी डाइट में शामिल करें)। धूम्रपान और शराब के अधिक सेवन से बचें। अपने ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर के स्तर और कोलेस्ट्रॉल को सामान्य रखें नित्य प्रतिदिन योगा करे