लालू प्रसाद 2004 से 2009 के बीच देश के रेल मंत्री रहे। लालू प्रसाद पर आरोप है कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दर्जन भर लोगों को जमीन के बदले रेलवे में समूह घ में नौकरी दिलाई।इस मामले की जांच पहले सीबीआइ कर रही थी, लेकिन अब इसमें प्रवर्तन निदेशालय भी शामिल हो गया है।शुक्रवार को ईडी ने करीब दो दर्जन स्थानों पर एक साथ छापा मारते हुए अपनी जांच प्रारंभ भी कर दी है।
लालू प्रसाद यादव पर इस तरीके की आरोप लगना कोई नई बात नहीं है क्योंकि इसके पहले भी लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला में जेल जा चुके हैं इसके पहले भी कई बार वह जेल में सलाखों के पीछे सजा काट चुके हैं और एक बार फिर इसी तरीके का मामला सामने आया है जहां पर लाखों लोग जो उन पर भरोसा करते थे उनकी जमीन के बदले नौकरी दिलवाने को लेकर के लालू प्रसाद यादव ने जनता से धोखा किया है। सीबीआई और ईडी बहुत ही सख्त रूप से कार्रवाई कर रही है। आपकी तबीयत ठीक नहीं होने के कारण भी उन्हें आज कोर्ट में आना पड़ा
रेलवे में लैंड फॉर जॉब्स यानी जमीन के बदले नौकरी देने के कथित भ्रष्टाचार के केस में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में थोड़ी देर में पेशी होगी। लालू को व्हीलचेयर पर लेकर पत्नी राबड़ी देवी और बेटी राज्यसभा सांसद मीसा भारती कोर्ट के अंदर पहुंच चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। कोर्ट ने 27 फरवरी को लालू की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत 14 अन्य आरोपियों को समन जारी किया था।
समन जारी होने से पहले CBI लालू से दिल्ली में और राबड़ी से पटना में पूछताछ कर चुकी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लालू हेल्थ ग्राउंड पर अपनी जमानत बरकरार रखने की मांग कर सकते हैं। CBI की ओर से 5 महीने पहले इस केस में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
बता दें कि साल 2004 से 2009 के दौरान रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर रेलवे में नौकरी के बदले लोगों से जमीन लेने का आरोप है। लालू परिवार को ये जमीन उपहार में दी गई या कम कीमत पर बेच दी गई। CBI का आरोप है कि रेलवे की ग्रुप-डी भर्ती में नियम-कानून ताक पर रखकर नियुक्तियां की गईं थीं।
चार्जशीट में रेलवे के कई अधिकारियों के नाम, जमीन के डॉक्यूमेंट भी गलत
स्पेशल कोर्ट में दायर चार्जशीट में CBI ने बताया, ‘जांच में सेंट्रल रेलवे के कई अधिकारियों का भी नाम सामने आया है। इसमें जीएम और सीपीओ स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। इन लोगों ने जॉब के बदले फर्जी तरीके से अपने करीबियों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करवाई है। रजिस्ट्री भी सर्कल रेट से कम कीमत में कराई गई और जमीन औने-पौने दाम में अधिकारियों के नाम कर दी गई।
चार्जशीट के मुताबिक जमीन के बदले नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट भी सही नहीं पाए गए हैं। उनके कई कागजात फर्जी हैं। यहां तक की डॉक्यूमेंट में शामिल उनके टीसी भी गलत तरीके से सर्टिफाइड कराए गए हैं। रेलवे में इसी गलत सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी दे दी गई है।
नौकरी के बदले जमीन।
नौकरी के बदले जमीन केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा कि यह 600 करोड़ का घोटाला है। जांच में पता चला है कि 350 करोड़ रुपए के प्लॉट और 250 करोड़ रुपए लेनदेन हुए हैं। 24 जगह छापे मारे गए हैं। इनमें एक करोड़ कैश मिले हैं। रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी की भर्ती में 50% कैंडिडेट्स की भर्ती लालू परिवार के चुनावी क्षेत्रों से हुई है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा बीजेपी डराने की कोशिश कर रही हैं।
बिहार विधानसभा में सोमवार को कार्यवाही के दौरान ED और CBI पर जमकर हंगामा हुआ। इधर, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सदन के बाहर ईडी और सीबीआई की रेड और उससे जुड़ी खबरों पर म्याऊं कहकर तंज कसा। उन्होंने कहा है कि महागठबंधन की सरकार बनी उस दिन भी छापे पड़े थे। क्रोनोलॉजी को समझिए। उस छापे का क्या हुआ। 8 हजार करोड़ का मामला उठाया गया है। उसका क्या हिसाब है। सभी उछल-उछल कर बोल रहे थे, जो भी डायरेक्टर है, स्क्रिप्ट राइटर है। उसे बदल देना चाहिए। कुछ नहीं मिला है।