आपको बतादें की यूरोप के साथ ही अमेरिका के कई राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. इस बार की गर्मी ने यूरोप और अमेरिका के सभी रिकाॅर्ड को तोड़ दिया है वहीं इस गर्मी का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर देखने केा मिल रहा है. ऐसे में सेहत को लेकर चिंता का विषय बना हुआ है.
जलवायू में हो रहा है परिवर्तन
बताया जा रहा है की यूरोप और अमेरिका में पड़ रही भीषण गर्मी का कारण जलवायु में आ रहे बदलाव के कारण हो रहा है. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है की इस भयंकर गर्मी का सबसे ज्यादा असर इंसानो के शरीर पर देखने को मिल सकता है. भीषण गर्मी के चलते हीटस्ट्रोक और डिहाइड्रेशन जैसी बिमारियां होने से मौत तक होने की संभावना जताई जा रही है.
हीट वेव से हो चुकी है 61 हजार लोगों की मौत
आपको बतादें की हीट वेव के चलते यूरोप में 61 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. बतादें की ये आकड़ा पिछले साल का है.ऐसे में इस बात की संभावना लगाई जा रही है की इस साल भी ऐसी स्थिति होने की संभावना हो सकती है.
क्या हो सकता है सेहत पर असर?
आपको बतादें की हीट वेव की वजह से लोगों को थकान, बुखार, सिर दर्द और नींद ना आने जैसी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है. ज्यादा गर्मी होने की वजह से डिहाइड्रेशन जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है जिसमें की मौत तक हो सकती है. इसके साथ ही आपको बतादें की 40 डिग्री तापमान में हीटस्ट्रोक जैसी बिमारियां होती है जो की एक काफी खतरनाक बिमारी है.
हीट वेव से इन लोगों को हो सकता है खतरा
बतादें की हीट वेव में सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और 5 साल से कम उम्र के बच्चों को हो सकता है. ऐेसे में जो लोग पहले ये ही किसी बीमारी से जूझ रहे है तो इसमें उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत पड़ सकती है.