केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकार भी दे रही है अब इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को बढ़ाने पर ध्यान. ईवी निर्माताओं को मिल रही है सब्सिडी वहीं खरीददारों को भी मिलेगा 1 लाख रूपये तक की सब्सिडी.हालही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ये बताते हुए जानकारी दी है की युपी में अब इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को ज्लद ही बढ़ाकर 5 हजार किया जाएगा.लंबे समय से नितिन गडकरी सिटी ट्रांसपोर्ट के किराये को सस्ता व ईंधन की बचत पर जोर दे रहे है.
उत्तर प्रदेश के 15 शहरों में सिटी ट्रांसपोर्ट के रूप में उपलब्ध इलेक्ट्रिक बसों का हो रहा है खूब इस्तेमाल.फिलहाल यूपी में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या लगभग 740 के करीब है जिसे बढ़ाने पर राज्य सरकार दे रही है जोर.यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स
समिट 2023 के दौरान नितिन गडकरी ने बताया था की यूपी में जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों की गिनती में होगा इजाफा.जिसे 740 से बढ़ाकर 5,000 तक किया जाएगा.
ई-मोबिलिटी और व्हीकलस पर भी बोले नितिन गडकरी कहा, यूपी में फ्लेक्स हाइब्रिड वाहनों के लिए खुलेगा बाजार.उन्होनें ये भी बताया की भारत में कुल पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों में से 25 प्रतिशत वाहन यूपी में ही पंजीकृत है जिसके चलते उत्तर प्रदेश में फ्लेक्स हाइब्रिड व्हीकलस के लिए बाजार खोला जाएगा.
भारत में चल रही इन कंपनियों की इलेक्ट्रिक बसें
इलेक्ट्रिक बसों की मैन्यूफैक्चरिंग में टाटा मोटर्स ग्रुप का नाम है सबसे आगे. जिन्होनें भारत को दी है करीब दो दर्जन इलेक्ट्रिक बसें. टाटा ग्रुप के अलावा भारत का सड़को पर दौड़ रही बसों की कंपनियों में अशोक लीलैंड,ओलेक्ट्रा और जेबीएम का नाम है शामिल.