Google New IP Protection:अमेरिका की गूगल कंपनी जल्द ही क्रोम ब्राउज़र यूजर्स के लिए नए IP यानि इंटरनेट प्रोटोकॉल प्रोटेक्शन पर टेस्टिंग शुरू करने जा रही है। आपको बता दें इस परीक्षण से यूजर्स की प्राइवेसी पर अधिक सुरक्षित और नियंत्रित हो सकेगी। आने वाला ये फीचर वेब्सीटेस को प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल करके IP एड्रेस को छिपायेगा साथ ही यूजर्स को ट्रैक करने से रोकेगा। इस फीचर को कई स्टेजेस में शुरू किया जाएगा। यह फीचर केवल गूगल क्रोम में लॉगिन करने वालों के लिए ही उपलब्ध है।
IP address इंटरनेट पर यूजर्स की पहचान होती है। इसे नंबरों (0-255) से दर्शाया जाता है। जिस प्रकार एक घर या ऑफिस का एड्रेस होता है उसी प्रकार इंटरनेट का समर्थन करने वाले स्मार्ट डिवाइस का भी अपना एक एड्रेस होता है। जिसे हम IP address के नाम से जानतें हैं। इसे लॉजिकल एड्रेस भी कहा जाता है।
यानि IP address हमारे स्मार्टफोन, कंप्यूटर, लैपटॉप और दूसरे स्मार्ट डिवाइस पर मौजूद होता है। और IP address का पूरा नाम इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस होता हैं। इस IP का इस्तेमाल करके पर्सनलाइज्ड ऐड प्रदान करने के लिए भी किया जाता है।दुरुपयोग रोकने के लिए गूगल एक ऑथेंटिकेशन सर्वर लागू करेगी, जो प्रत्येक यूजर्स के लिए कोटा निर्धारित करेगा।

गूगल कंपनी का कहना है कि परीक्षण के लिए IP प्रोटेक्शन फीचर कई चरणों में शुरू करने की तैयारियां शुरू कर दी है। गूगल द्वारा चलने वाले ऐप जैसे जीमेल को एक ही प्रॉक्सी सर्वर पर रीडायरेक्ट करेंगी। कंपनी का कहना है कि पहले चरण में उन्हें अपने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर कि टेस्टिंग करने की परमिशन मिली है। आने वाली स्टेजेस में गूगल 2-हॉप प्रॉक्सी सिस्टम का उपयोग करेगी। ये वेबसाइट के अनुरोध को गूगल सर्वर पर रीडायरेक्ट करता है जिसे फिर से क्लाउडफ्लेयर जैसे बाहरी CDN पर रीडायरेक्ट किया जाएगा।
कंपनी ने बताया है कि IP प्रोटेक्शन फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को और बढ़ाएगा। लेकिन अभी यह एक फुलप्रूफ सिस्टम नहीं है।बता दें कि गूगल के प्रॉक्सी सर्वर तक पहुंचने वाले हैकर यूजर्स को मैलेसियस वेबसाइटों पर रीडायरेक्ट करने में अभी भी कर पाएंगे ।गूगल का ज्यादातर रेवेन्यू इंटरनेट पर यूजर्स को ट्रैक और व्यक्तिगत ऐड दिखाने से आता है। अब देखना होगा कि गूगल प्राइवेसी और रेवेन्यू के बीच बैलेंस कैसे बनाती है।