मोबाइल से जा रही आंखो की रोशनी ।देखिए ये खास रिपोर्ट।।

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आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरत मोबाइल और कंप्यूटर की हो गई है कोई भी काम करने के लिए सबसे पहले हम कंप्यूटर या मोबाइल उठाते हैं हम आज कोई भी खबर हो या किसी प्रकार के इंटरटेनमेंट स्टोरी हो मूवी हो उसे मोबाइल पर देखना पसंद करते हैं।। आज का युवा सबसे ज्यादा समय मोबाइल पर बिता रहा है बल्कि पिछले समय की अगर बात की जाए तो लोग किताबें पढ़ते थे किताबों में अपना समय बिता से उन्हें अपना अच्छा दोस्त मानते थे पर आज का युवा आज का समय बदल चुका है लेकिन यह कहीं ना कहीं खतरे का निशान भी बनता जा रहा है

लंबे समय तक या ज्यादा पास से मोबाइल चलाना अब घातक हो चुका हैं कई शोधों में स्पष्ट हो चुका है कि फोन से निकलने वाली नीली रौशनी आंखों के लिए घातक है। रेटिना को नुकसान पहुंचने पर धुंधला दिखने लगता है। अगर आप अंधेरे में काफी देर तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो आंखों को ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है।
कम से कम 1 फीट दूरी तो होनी चाहिए। बाकी आप इससे ज्यादा दूरी रख सकें, तो और भी बेहतर है। लेकिन 1 फीट से कम दूरी नहीं चाहिए, समझ लीजिए कि यह (न्यूनतम) है। औसतन देखें तो 1.5 फीट की दूरी सबसे अच्छी मानी जाती है।

क्या हैं इसकी पीछे की वजह

जब हम लगातार मोबाइल स्क्रीन को देखते हैं तब हमारी पलकें कम झपकती हैं. इससे आंखों में सूखापन आने लगता है क्योंकि आंखों का पानी सूखने लगता है. इस कारण आंखों में खुजली और जलन की समस्या भी होने लगती है. इसके अलावा आंखों की पुतलियां और नसें भी सिकुड़ने लगती हैं.

क्या हैं उपाय

आंखों को झपकाएं …

​आर्टिफिशियल टीयर्स का उपयोग करें …

​एंटी ग्लेयर ग्लास पहनें …

​अपनाएं 20-20-20 नियम का पालन …

​इन विटामिन का भी करें सेवन …

​डाइट में लें ओमेगा-3 फैटी एसिड …

​कम रोशनी वाले कमरे में बैठें

हाल में एक खबर आई। स्मार्टफोन के अधिक इस्तेमाल से हैदराबाद की एक महिला को दिखाई देना बंद हो गया। डॉक्टरों ने जांच की तो पाया कि महिला कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से पीड़ित है। यह इकलौता मामला नहीं। हैदराबाद के एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं की एक स्टडी में दावा किया गया है कि 2030 तक भारत में ड्राई आई डिजीज के लगभग 27.5 करोड़ मामले देखने को मिल सकते हैं। इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण कंप्यूटर या स्मार्टफोन जैसी स्क्रीन का काफी देर तक इस्तेमाल है। स्प्रिंगर नेचर के मेडिकल जर्नल में छपे एक शोध के मुताबिक अगर आंखों में पहले से कोई बीमारी हो तो कंप्यूटर विजन सिंड्रोम होने का खतरा 3.54 गुना तक बढ़ जाता है।

मोबाईल को पास रखकर नींद ना ले

lयह भी देखा जाता है कि जब लंबे समय तक लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो रात में सोते समय लोग मोबाइल को अपने पास रख कर सो जाते हैं इसकी वजह से भी आपके सिर में दर्द बना रहता है और खासकर के खतरा भी बना रहता हैमोबाइल फोन हानिकारक रेडिएशन का निकलते हैं, जो आपके मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिससे आप सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं।

ये तरीके अपनाए।।

यदि संभव हो सके तो मोबाइल चलाते समय अपने पलकों को ज्यादा बार जब गए और ड्राइनेस या सूखापन महसूस होने पर आंखों को ठंडे पानी से धो लें और उसे थोड़ा आराम दे हर 40 मिनट मोबाइल चलाने के बाद 20 मिनट तक अपनी आंखों को बंद करके आराम दे ताकि उसके ड्राइनेस दूर हो जाए

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