नई दिल्ली: बीजेपी को 370 से ज्यादा सीटें, कांग्रेस को 40 से कम सीटें मिलने वाली है यह जानकारी खुद अपने बयान के साथ दे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में बोला है. उन्होंने बोलते हुए कहा आने वाले 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी पार्टी का पूरा एजेंडा तय किया जा चुका है.
अपको बता दें जहां एक ओर एनडीए में नीतीश कुमार की जेडी-यू में सफलतापूर्वक वापस हो गई है. इसके बाद अब बीजेपी टीडीपी, अकाली दल और आरएलडी जैसे पूर्व सहयोगियों को भी घर वापसी के लिए लुभा रही है.
पीएम मोदी का बयान
संसद के अंदर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा हमारा लक्ष्य सरल है आगामी चुनावों में भारतीय राजनीति में कांग्रेस की प्रासंगिकता ख़त्म करना है. विपक्षी खेमे का मूड फीका है और कई लोग अपने भाग्य से इस्तीफा दे चुके हैं. जबकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता के.सी वेणुगोपाल ने भी मोदी पर अति आत्मविश्वासी जताया था.
उनका कहना है कि कांग्रेस को लगभग 60 सीटें मिल सकती हैं और भाजपा लगभग 320 सीटों पर समाप्त होगी. कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं ने बताया, भाजपा 2024 में कांग्रेस की संभावनाओं को खत्म करने के इरादे से नीतीश कुमार जैसे लोगों को वापस लाने से नहीं कतरा रही है. सूत्रों के अनुसार आपको बता दें, गृह मंत्री अमित शाह ही थे जो नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने के पक्ष में थे, यह देखते हुए कि बिहार के सीएम कैसे हैं दलितों और महादलितों के बीच समर्थन का एक बड़ा आधार है और कम से कम 3-4 वर्षों तक राजनीतिक प्रासंगिकता है, जो बिहार में भाजपा को मदद कर सकती है. इसी को देखते हुए नीतीश को अपने पाले में लिया गया है और इसका चुनावी फायदा भाजपा का होने वाला है.
बता दें कहा तो ये भी जाता है कि अमित शाह ने एक उदाहरण दिया था कि कैसे भीम राव अंबेडकर ने अपने जीवन के अंत में बौद्ध धर्म अपनाया था. बीजेपी ने जेडीयू और एलजेपी के साथ मिलकर 2019 में बिहार की 40 में से 39 सीटें जीतीं.
आंध्र प्रदेश में टीडीपी और पंजाब में अकाली दल के साथ भाजपा की गठबंधन वार्ता एक ही मंत्र का पालन करती है कि ये पूर्व सहयोगी हैं जो गठबंधन होने पर दोनों राज्यों में भाजपा की संभावनाओं में सुधार कर सकते हैं. बीजेपी टीडीपी के साथ गठबंधन करके आंध्र प्रदेश में कम से कम छह सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है क्योंकि उसे लगता है कि सत्ता विरोधी लहर के कारण राज्य में इस बार वोट सीएम जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ होगा.
पंजाब में, भाजपा के पास 13 सीटों में से किसी पर भी जीतने की बहुत कम संभावना है, जब तक कि वह अकाली दल के साथ गठबंधन नहीं करती, क्योंकि इस समय राज्य में कांग्रेस और आप का दबदबा है.