मोटापा एक ऐसी बीमारी है जो शरीर को आलस्य से भर देता है. कभी-कभार मोटापा उस स्टेज तक पहुंच जाता है, जहां से इसे कम करना लगभग ना मुमकिन होता है. लाख कोशिशों के बाद भी मोटापा कंट्रोल में नहीं आ पता और शरीर बेडौल हो जाता है. आज के वक़्त में अंदाज़न 10 में से हर 8 महिलाएं इसी बढ़ते मोटापे से परेशान हैं.. लेकिन क्या आप जानते हैं इस बढ़ते मोटापे का कारण? अगर आपका जवाब नहीं है तो, हम आपको न सिर्फ इस लगातार बढ़ रहे मोटापे का कारण बताएंगे बल्कि इसे कम करने के कुछ बहुत ही आसान उपाय भी देंगे.
मोटापा क्या है?
मोटापे का मतलब है शरीर में अतिरिक्त चर्बी होना। 35 से अधिक बीएमआई वाले 30 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्क मोटापे से ग्रस्त हैं। मोटापा सिर्फ एक कॉस्मेटिक विचार नहीं है। यह एक पुरानी चिकित्सा बीमारी है जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापे से जुड़े हृदय रोग, जैसे हृदय रोग, पित्त पथरी और अन्य पुरानी बीमारियों को जन्म दे सकती है। मोटापा गंभीर है क्योंकि यह खराब मानसिक स्वास्थ्य परिणामों और जीवन की निम्न गुणवत्ता से जुड़ा है। मोटापा कई कैंसर के लिए एक जोखिम कारक है। मोटापे का इलाज करना मुश्किल है और इसकी उच्च पुनरावृत्ति दर है। पांच साल के भीतर वजन कम करने वाले ज्यादातर लोग वजन कम कर लेते हैं।
मोटापा कई रोगों की जड़ है. यह आपके संपूर्ण सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है. मोटापा शारीरिक और मानसिक रूप से आप पर नकारात्मक असर डाल सकती है. वजन बढ़ने के कारण लोग मेंटली परेशान रहने लगते हैं और इसे काबू में रखने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खे आजमाते हैं. डाइटिंग पर चले जाते हैं, घंटों वर्कआउट करते हैं. शरीर को परफेक्ट शेप में रखने के लिए ये कार्य भी बेहद ज़रूरी हैं. यदि आप समय रहते बढ़ते वजन और मोटापे को कंट्रोल में नहीं करेंगे, तो आपको कई तरह की बीमारियां होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं.
मोटापा डायबिटीज के रिस्क को बढ़ाए।
ओन्लीमाईहेल्थ डॉट कॉम में छपी एक खबर के अनुसार, मोटापे के कारण आपको डायबिटीज की समस्या हो सकती है. शरीर में ब्लड ग्लूकोज का नॉर्मल लेवल वैसे तो 70 से 120 मिलीग्राम/डीएल) से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन कई बार मोटापे के कारण यह बढ़ जाता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है. ओबेसिटी फैटी एसिड में वृद्धि का कारण बनता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध को ट्रिगर करता है. ऐसे में मोटापे को काबू में ना रखा जाए, तो आपको डायबिटीज हो सकती है. डायबिटीज से खुद को बचाए रखने के लिए शारीरिक रूप से एक्टिव रहना शुरू कर दें. वजन कम करने वाले एक्सरसाइज करें. हेल्दी खाएं, शुगर और कार्ब्स का सेवन कम करें.
बढ़ता वजन और मोटापा सेहत के लिए हैं बेहद खतरनाक, 5 गंभीर रोगों का बनते हैं कारण
मोटापा कई रोगों की जड़ है. यह आपके संपूर्ण सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है. यदि समय रहते बढ़ते वजन और मोटापे को काबू में ना किया जाए, तो आप कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं.
आजकल वजन बढ़ना और इसे कंट्रोल ना करने के कारण मोटापे से ग्रस्त हो जाने की समस्या बहुत कॉमन होती जा रही है. मोटापा कई रोगों की जड़ है. यह आपके संपूर्ण सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है. मोटापा शारीरिक और मानसिक रूप से आप पर नकारात्मक असर डाल सकती है. वजन बढ़ने के कारण लोग मेंटली परेशान रहने लगते हैं और इसे काबू में रखने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खे आजमाते हैं. डाइटिंग पर चले जाते हैं, घंटों वर्कआउट करते हैं. शरीर को परफेक्ट शेप में रखने के लिए ये कार्य भी बेहद ज़रूरी हैं. यदि आप समय रहते बढ़ते वजन और मोटापे को कंट्रोल में नहीं करेंगे, तो आपको कई तरह की बीमारियां होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं.
अधिक वजन और मोटापे से होने वाले नुकसान
मोटापा डायबिटीज के रिस्क को बढ़ाए
ओन्लीमाईहेल्थ डॉट कॉम में छपी एक खबर के अनुसार, मोटापे के कारण आपको डायबिटीज की समस्या हो सकती है. शरीर में ब्लड ग्लूकोज का नॉर्मल लेवल वैसे तो 70 से 120 मिलीग्राम/डीएल) से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन कई बार मोटापे के कारण यह बढ़ जाता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है. ओबेसिटी फैटी एसिड में वृद्धि का कारण बनता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध को ट्रिगर करता है. ऐसे में मोटापे को काबू में ना रखा जाए, तो आपको डायबिटीज हो सकती है. डायबिटीज से खुद को बचाए रखने के लिए शारीरिक रूप से एक्टिव रहना शुरू कर दें. वजन कम करने वाले एक्सरसाइज करें. हेल्दी खाएं, शुगर और कार्ब्स का सेवन कम करें.
उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
यदि आपका वजन लगातार बढ़ रहेगा, तो आप उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हो सकते हैं. उच्च रक्तचाप को हाइपरटेंशन भी कहा जाता है. यदि आपका ब्लड प्रेशर 140/90 एमएमएचजी या इससे भी अधिक रहता है, तो आप अलर्ट हो जाएं. हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए लगातार रक्तचाप की जांच करें. दिल को स्वस्थ रखने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
स्लीप एप्निया के हो सकते हैं शिकार।
जब आपका वजन अधिक होता है, तो रात में नींद भी अच्छी नहीं आती है. आंत में चर्बी जमा होने के कारण, रक्त वाहिकाएं सामान्य रूप से ब्लड सप्लाई करने में सक्षम नहीं होती हैं, जिससे नींद के दौरान सांस लेने में समस्या महसूस होती है. जब आप पर्याप्त और गहरी नींद नहीं ले पाते हैं, तो स्लीप एप्निया की समस्या शुरू हो सकती है.