दिल्ली मेट्रो में ‘छोटे कपड़ों’ में यात्रा कर रही एक 19 साल की लड़की का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसके वायरल होने के बाद कुछ लोग महिला के ड्रेस के पक्ष में बात कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग सार्वजनिक स्थानों पर नैतिकता की बात कर रहे हैं और कपड़े थोड़े ठीक तरीके से पहनने की बात कर रहे हैं।
बिकिनी पहन मेट्रो में कर रही थी यात्रा।
दिल्ली मेट्रो में एक लड़की का वीडियो वायरल हो रहा है। यह लड़की काफी छोटे कपड़े पहने हुए हैं। इस कपड़े को लेकर ही लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं। हाल के दिनों में दिल्ली मेट्रो में अजीबो गरीब कपड़े और आपसी विवाद की तस्वीरें और वीडियो काफी वायरल हुए हैं। युवती का नाम रिदम छनाना है जिसकी उम्र 19 साल की है। दिल्ली मेट्रो में रिदम ब्रालेट और माइक्रो स्कर्ट पहनकर ट्रैवल कर रही थी। उसके ड्रेसिंग सेंस को लेकर बहस सोशल मीडिया पर छिड़ गई है।
दिल्ली मेट्रो ने की अपील।
दिल्ली मेट्रो ने इस तरह के बर्ताव को अपराध बताते हुए कहा कि मेट्रो के संचालन और रखरखाव अधिनियम की धारा 59 के तहत अभद्रता की श्रेणी में बताया है।कहा है कि भविष्य में अगर ऐसी घटनाओं का सिलसिला नहीं थमा तो यात्रियों की शिकायत के आधार पर सख्ती भी हो सकती है। दिल्ली मेट्रो के मुताबिक, इस वीडियो के वायरल होने के बाद मेट्रो में निगरानी बढ़ा दी गई है। अगर कोई यात्री इस तरह के कपड़ों में दिखता है तो उन्हें समझाया जाएगा। डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल का कहना है कि मेट्रो यात्रियों से शालीनता और सभी नियमों के पालन की उम्मीद करते हैं। वहीं सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो साझा कर लोगों ने नई बहस छेड़ दी है।
“मैं नहीं जानती उर्फी कौन है “- रिदम
मेट्रो में यात्रा कर रही इस लड़की के वीडियो और पिक्चर वायरल होने के बाद मीडिया ने लड़की से बात करने की कोशिश की और मेट्रो में इस तरह के कपडे पहनने के सवाल पर लड़की ने कहा की यह उसकी आज़ादी है वो जो चाहे पहन सकती है।
रिदम ने कहा की मुझे बिल्कुल परवाह नहीं लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं. उन्होंने उर्फूी जावेद को लेकर कहा, मैं नहीं जानती वो कौन हैं. मुझे मेरे एक दोस्त ने हाल ही उसके बारे में बताया. मैं उनके जैसा बनने की कोई कोशिश नहीं कर रही हूं. उसने कहा, ये मेरी जिंदगी है मैं जैसे चाहूंगी वैसे रहूंगी।
क्या कहता है कानून।
इंडियन पीनल कोड यानी IPC की 4 धाराओं-292, 293, 509 और 67A के अंतर्गत अश्लीलता फैलना अपराध है। भारतीय दंड संहिता यानी IPC की धारा 292 के मुताबिक अश्लील चीजों की बिक्री, वितरण या प्रकाशन पर रोक है।
भारत में अश्लीलता को लेकर कानून तो है, लेकिन इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया है। IPC सेक्शन 292 और IT एक्ट सेक्शन 67 में उन मटेरियल को अश्लील बताया गया है जो कामुक है, या कामुकता पैदा करता है और इसे पढ़ने, देखने और सुनने वाले को बिगाड़ दे।
इस तरह के मामलों में पहली बार दोषी पाए जाने पर 2 साल कैद और 2000 रुपए के जुर्माने की सजा होती है। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 5 साल कैद और 5000 रुपए तक के जुर्माने की सजा है।