माणिक्य रत्न पहनने के हैं।कई लाभ

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ज्योतिष शास्त्र में माणिक्य रत्न को बहुत प्रभावशाली माना जाता है। रत्नों को अगर ज्योतिष की सलाह से धारण किया जाए, तो यह जातक की कुंडली में अशांत स्थिति में बैठे ग्रहों को शांत करने का काम करते हैं। माणिक्य को रॉयल यानी राजसी रत्न माना जाता है।

क्या हैं माणिक्य पहनने के नियम।

माणिक्य रत्न का संबंध सूर्य देव से माना गया है। इसे धारण करने से व्यक्ति का सूर्य ग्रह मजबूत होता है। साथ ही माणिक्य रत्न की अंगूठी पहनने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है। कम-से-कम 2-3 कैरेट का माणिक्य रत्न पहनना चाहिए, तभी इसका पूर्ण लाभ मिलता है। इसे सोने या तांबे की अंगूठी में लगवाकर पहनना चाहिए।

किन राशियों के लिए है लाभदायक।

सिंह, मेष, वृश्चिक, कर्क और धनु राशि वाले लोगों के लिए माणिक्य धारण करना बहुत ही शुभ माना गया है। माणिक्य पहनने का सर्वोत्तम समय रविवार प्रातः काल होता है। धारण करने के पहले उसे गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए। माणिक्य रत्न को धारण करने के बाद सूर्य देव के मंदिर में दान पुण्य करने से सर्वाधिक लाभ मिलता है।

माणिक्य रत्न के क्या हैं स्वास्थ्य पर लाभ।

माणिक्य रत्न को धारण करने से रिश्तों में मजबूती आती है। साथ ही इससे शारीरिक कष्ट भी दूर हो जाते हैं। माणिक्य पहनने से व्यक्ति ऊंचा पद प्राप्त करता है। उसकी नेतृत्व करने की क्षमता भी बढ़ती है।
किन बातों का रखें ध्यान।

माणिक्य कभी भी ज्योतिष की सलाह के बिना नहीं पहनना चाहिए। क्योंकि इससे आपको नुकसान भी हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति को माणिक्य सूट नहीं करता तो इससे हृदय रोग, नेत्र रोग और भी अन्य कई रोग आपको घेर सकते हैं। साथ ही यह आपको आर्थिक संकट में भी डाल सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की लग्न मिथुन, मकर, कन्या, तुला और कुंभ है, उन लोगों को माणिक्य रत्न नहीं धारण करना चाहिए।

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