महिलाओं ने वट वृक्ष पर पूजा अर्चना कर रक्षा सूत्र बांधा।

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हिंदू पंचाग के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार वट सावित्री व्रत रखना सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना गया है। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और अपने पति की दीर्घायु कामना के लिए यह व्रत रखा जाता है। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है।मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने के साथ ही हर तरह के कलह और संतापों का नाश करने वाली होती है।

अखंड सौभाग्य व पति की दीर्घायु कामना को लेकर वट सावित्री का व्रत आज महिलाएं उत्साह से मना रही है। सुबह से ही नगर के वट वृक्षों की पूजा करने बड़ी संख्या में महिलाएं उमड़ी हैं।साजो श्रंगार कर पहुंची महिलाएं वट वृक्ष पर रक्षा सूत्र बांधकर अखंड सौभाग्य की कामना कर रहीं हैं।

नगर के मां महामाया मंदिर, गौरी मंदिर,दुर्गा मंदिर सहित सभी मंदिरों में भारी भीड़ लगी हुई है।पूजा की थाली लेकर महिलाएं वट सावित्री व्रत की पूजा करने निकली हैं।महामाया मंदिर में तो भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। महिलाओं की इतनी भीड़ है कि वट वृक्ष को रक्षा सूत्र बांधने अपनी बारी का इंतजार भी महिलाओं को करना पड़ रहा है। वट वृक्षों के समीप व्रत की कथा भी पुरोहितों सुना रहे हैं।

महिलाओं ने बांस की टोकरी में सप्तधान्य के ऊपर ब्रह्मा औरब्रह्मसावित्री तथा दूसरी टोकरी में सत्यवान एवं सावित्री की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित कर बरगद के नीचे बैठकर पूजा करने का विधान पूरा कर रहीं हैं। साथ ही यमराज का भी पूजन किया जा रहा है। लाल वस्त्र, सिन्दूर, पुष्प, अक्षत, रोली, मोली, भीगे चने, फल और मिठाई लेकर पूजन करने महिलाएं निकलीं हैं।

कच्चे दूध और जल से वृक्ष जड़ों को सींचकर वृक्ष के तने में सात बार कच्चा सूत या मोली लपेटकर यथाशक्ति परिक्रमा कर रहीं हैं। पूजा के बाद भक्तिपूर्वक सत्यवान-सावित्री की कथा का श्रवण और वाचन पुरोहित कर रहे हैं।मान्यता है, ऐसा करने से परिवार पर आने वाली अदृश्य बाधाएं दूर होती हैं, घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

महामाया मंदिर में पहली बार उमड़ी वट सावित्री पर इतनी भीड़ ।

नगर के मां महामाया मंदिर प्रांगण में तीन वट वृक्ष हैं।इन वट वृक्षों की पूजा करने पहली बार अपार भीड़ उमड़ी है। यह वटवृक्ष की पूजा करने महिलाएं आती तो थी पर इतनी भीड़ पहली बार सुबह ही पहुंच गई थी। सुबह छह बजे से वट वृक्षों की पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी।

महिलाओं ने वट वृक्ष पर पूजा अर्चना कर रक्षा सूत्र बांधा। विधि विधान से कथा सुनी और मां महामाया के दर्शन भी किए। इसी तरह नगर के गांधी चौक स्थित दुर्गा मंदिर, पुलिस लाइन स्थित गौरी मंदिर सहित अन्य वट वृक्षों के आसपास महिलाओं की सुबह से भीड़ नजर आ रही है। चिलचिलाती धूप के बावजूद महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करने घर से निकली हैं।

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