मध्यप्रदेश में आज से डॉक्टर महासंघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने वाला है। डॉक्टरों की तरफ से छह मांगें रखी गई हैं। इस दौरान स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहने की संभावना है। बीते दिन महासंघ ने राज्य के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी
मध्यप्रदेश के लगभग 10 हजार से अधिक डाक्टर तीन मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं। इसमें उनका साथ नर्सिंग स्टाफ भी देगा, ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिगड़ना तय है। उससे पहले आज ग्वालियर में चिकित्सक महासंघ और प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के आह्वान पर जयारोग्य अस्पताल, जिला अस्पताल मुरार, सिविल अस्पताल हजीरा सहित सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर ने OPD में काम बंद कर दिया है। सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक ओपीडी का काम बंद कर दिया है। ग्वालियर में GRMC मेडिकल कॉलेज के 350 और स्वास्थ्य विभाग के 140 डॉक्टर ने काम बंद दिया है।
सुबह 11 बजते ही डॉक्टर्स कुर्सियों से उठ गए।
नर्मदापुरम समेत प्रदेशभर में मंगलवार से सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स की हड़ताल शुरू हो गई है। बुधवार 3 मई से डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। मंगलवार को करीब दो घंटे ही हड़ताल रही। नर्मदापुरम जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने मात्र दो घंटे में ही अपना ट्रेलर दिखा दिया। सुबह 11 बजते ही डॉक्टर्स कुर्सियों से उठ गए। ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) और आईपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट) बंद कर दी। अस्पताल में ओपीडी के बाहर मरीज व उनके परिजन लंबी कतार लगाकर डॉक्टर के इंतजार में खड़े रहे। अस्पताल में डॉक्टर्स तो ठीक, वार्डवॉय तक नहीं दिखे। जिससे परिजनों को ही मरीज को स्ट्रैचर पर ले जाते दिखे। दो घंटे की हड़ताल से जब जिला अस्पताल का से हाल है तो अंदाजा लगा सकते है कि 3 मई से शुरू हो रही अनिश्चितकालीन हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं गड़बड़ा जाएगी।
13 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर हड़ताल पर।
वहीं, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और प्रदेश सरकार बीच DACP लागू करने और प्रशासनिक दखलअंदाजी जैसे आदेश को वापस लेने पर बात नहीं बनने के बाद, मध्यप्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सा महासंघ के आह्वान पर प्रदेश के सभी 13 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे चुके हैं। अगर डॉक्टर हड़ताल पर जाते हैं तो ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा जाएंगी। वहीं, हालातों के मद्देनजर ग्वालियर चंबल संभाग के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज समूह के सबसे बड़े जयरोग्य अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त रखने के निर्देश संभागीय कमिश्नर ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन को दिए हैं। निर्देश मिलते ही आनन-फानन में (GRMC) में डॉक्टरों के ग्रीष्मकालीन अवकाश रद्द कर दिए गए हैं। हड़ताल के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल ना हो इसके इंतजाम के लिए आयुष विभाग के डॉक्टरों की अस्पताल में ड्यूटी लगाई गई है।
दो घंटे से खड़े, नहीं आएं डॉक्टर।
भीलपुरा क्षेत्र से आई महिला सुमन कहार ने बताया बेटे के पैर में फ्रैक्चर है। उसे दिखाने के लिए सुबह 10 बजे से अस्पताल आई। लेकिन यहां कुर्सी पर डॉक्टर आएं ही नहीं। ग्वालटोली से आई बुजुर्ग जानकी बाई यादव ने कहा दो घंटे से खड़ी हूं। लेकिन कोई भी डॉक्टर और न नर्स यहां आया। मेरे गले में गठान है। जो काफी दर्द दे रही।
अस्पताल में डॉक्टर्स दो घंटे की हड़ताल पर रहे। लेकिन वार्डबाय भी नजर नहीं आएं। अस्पताल में भर्ती, इमरजेंसी मरीजों को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर परिजन ही धकेलते नजर आएं। जिला अस्पताल में यह नजारा कोई नया नहीं है। अस्पताल में अक्सर परिजन ही स्ट्रेचर, व्हीलचेयर को धकेलते है।
डॉक्टर्स ने जताया आक्रोश, नारेबाजी की।
जिला अस्पताल में सभी डॉक्टर्स ने एकत्र होकर सिविल सर्जन ऑफिस के पास नारेबाजी कर आक्रोश जताया। डॉक्टर शिवेंद्र चंदेल,डॉक्टर सुनील जैन, डॉ. संजय अग्रवाल समेत अन्य उपस्थित रहे।
अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था बनाई।
सिविल सर्जन डॉक्टर सुधीर विजयवर्गीय ने बताया प्रदेशव्यापी हड़ताल से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई है। हमारें पास आयुवैदिक डॉक्टर्स है, स्टुडेंस, बाँडेट डॉक्टर्स और कुछ प्रायवेट डॉक्टर्स की टीम तैयार की है। मैं स्वयं भी मरीजों को देखूंगा। इमरजेंसी समेत सारी व्यवस्था चलाने की कोशिश करेंगे।