दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया को ईडी की पांच दिन की रिमांड में भेज दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी 7 दिन की रिमांड की मांग की थी. अब सिसोदिया को 22 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने आज कोर्ट में मनीष सिसोदिया को पेश किया गया था। सिसोदिया की हिरासत आज खत्म हो रही थी। ईडी ने अदालत से सिसोदिया की सात और दिन की रिमांड मांगी थी।
वकील ने पूछा ईडी बताए अब तक क्या किया।
मनीष सिसोदिया के वकील ने पूछा, ‘ईडी को बताना चाहिए कि अब तक क्या जांच की गई है?’ ईडी के जांच अधिकारी के निर्देश पर ईडी के वकील ने मनीष के वकील के तर्क का विरोध किया और कहा कि रोज 5 से 6 घंटे पूछताछ की जा रही है.
सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई के द्वारा एफआईआर दर्ज करने के कुछ दिन के भीतर अगस्त 2022 में ईसीआईआर दर्ज किया गया, कम्प्यूटर को ज़ब्त कर उसकी जांच की गई और अब दूसरी एजेंसी उसी प्रक्रिया को दोहराना चाहती है. सिसोदिया के वकील ने ईडी की रिमांड बढ़ाने की मांग का विरोध किया और कहा कि क्या ईडी सीबीआई की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है.
ईडी ने कहा जांच अभी अहम मोड़ पर है।
ईडी ने कहा कि दो लोगों को 18 और 19 मार्च को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है. जांच एजेंसी ने बताया कि जो ईमेल और मोबाइल डेटा मिला है, उसी के बारे में आमना-सामना करवाना है. इस पर कोर्ट ने कहा कि ईमेल जैसा डाटा का कंफ्रंट तो आप जेल में भी करवा सकते हैं. इसके जवाब में ईडी ने कहा कि जांच अभी अहम मोड़ पर है, अगर अभी हिरासत नहीं मिली, तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी और आरोपी की पूछताछ सीसीटीवी की निगरानी में कराई जा रही है.दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड पर फैसला सुरक्षित रख लिया.