मनीष कश्यप पर एनएसए (NSA) लगाया !! युवा हुआ आक्रोशित

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इन दिनों बिहार में यूट्यूबर मनीष कश्यप के गिरफ्तारी को लेकर युवाओं में काफी आक्रोश है जहां एक तरफ बिहार सरकार ने यू-ट्यूबर मनीष कश्यप के ऊपर कई मामले दर्ज कर चुके हैं यहां तक की ईडी , इओयू मामले दर्ज हो चुके हैं। जिसके बाद बिहार के युवाओं में काफी आक्रोश है जिसको लेकर युवाओं ने पूरे बिहार को बंद रखने का निर्णय लिया था जिसका असर भी अब दिख रहा है.
युवाओं का यह भी कहना है कि आज जहां पर पत्रकारिता सिर्फ चाटुकारिता बनकर रह गई है वहीं पर मनीष कश्यप जैसे पत्रकार बेरोजगारी बढ़ती हुई महंगाई और युवाओं की बढ़ती समस्या को लेकर आवाज उठा रहे हैं इसको लेकर के ही मनीष कश्यप को गिरफ्तार किया जा रहा है हम सभी युवा आज मनीष कश्यप के साथ खड़े हैं उन्हें जल्दी रिहा किया जाए।

चर्चित भूमिहार नेता आशुतोष के बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन को समर्थन के ऐलान पर गुरुवार को भूमिहार समाज औरंगाबाद के ओबरा, अम्बा और दाउदनगर में सड़क पर उतरा। तीनों जगहों पर एनएच-139 को जाम किया गया। सड़क पर आगजनी भी की गई। आगजनी कर बिहार सरकार के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

मनीष कश्यप पर एनएसए (NSA) लगाया गया है.

बिहार के बाद यूट्यूबर मनीष कश्यप (YouTuber Manish Kashyap) पर तमिलनाडु पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि मनीष कश्यप पर एनएसए (NSA) लगाया गया है. बता दें कि मनीष कश्यप को बिहार के मजदूरों पर तमिलनाडु में हमले किए जाने के फेक वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगा है.
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पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रह चुके हैं.

मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. वह खुद को ‘सन ऑफ बिहार’ (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखता है. मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. इस नाम के पीछे वो ‘कश्यप’ लगाता है. हालांकि, ज्यादातर जगहों पर ‘मनीष’ लिखता है. साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उसने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया. पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रह चुके हैं.

19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा है.

तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में यूट्यूबर मनीष को मदुरै कोर्ट ने 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. इससे पहले कोर्ट ने मनीष को पुलिस कस्टडी में भेजा था. इस मामले में यूट्यूबर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी दायर की गई, जिसमें अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक साथ क्लब करने की मांग की गई है. इस मामले में सुनवाई होनी है.

बीते सप्ताह ही तमिलनाडु पुलिस की टीम कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर मनीष को पटना से ले गई थी. तमिलनाडु में मदुरै कोर्ट में मनीष को पेश करने के बाद पुलिस को तीन दिनों की रिमांड मिली थी, जिसमें उससे पूछताछ की गई. इससे पहले बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई ने भी मनीष से पूछताछ की थी. बिहार पुलिस की पूछताछ के बाद कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस की ट्रांजिट रिमांड की अर्जी को मंजूरी दी थी.

बिहार में मनीष पर पहले भी कई मामलों में हो चुकी है कार्रवाई

बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई थाने में विभिन्न धाराओं में मनीष कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. मनीष कश्यप का विवादों से पुराना नाता रहा है. वह पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है.

मनीष कश्यप के सभी बैंक खाते हो चुके हैं फ्रीज

बिहार पुलिस मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को फ्रीज कर चुकी है. इसमें कुल 42.11 लाख रुपये की राशि बताई गई थी. बिहार पुलिस ने बताया था कि मनीष के SBI के खाते में 3,37,496, IDFC BANK के खाते में 51,069, HDFC BANK के खाते में 3,37,463 इसके अलावा SACHTAK Foundation के HDFC BANK के खाते में 34,85,909 रुपये जमा हैं.

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