
मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा कल से शुरू होगी और 12 सितंबर तक चलेगी। परीक्षा आयोजित करने के लिए राज्य भर में विभिन्न केंद्र स्थापित किए गए हैं। परीक्षा का लक्ष्य 7,411 पदों पर भर्ती करना है और लगभग 8.70 लाख उम्मीदवारों के भाग लेने की उम्मीद है। यह कंप्यूटर-आधारित प्रारूप में आयोजित किया जाएगा, और उम्मीदवारों के लिए विशिष्ट दिशानिर्देश प्रदान किए गए हैं।
मोजे और बेल्ट के साथ प्रवेश की अनुमति नहीं होगी
परीक्षा में नकल रोकने के लिए अभ्यर्थियों की 4 स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी। परीक्षार्थियों को जूते, मौजे और बेल्ट पहनकर परीक्षा केंद्र में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर कोई परीक्षार्थी इन्हें पहनकर आता है तो सभी वस्तुओं को परीक्षा केंद्र के बाहर ही उतरवा लिया जाएगा। ऐसे में उम्मीदवार चप्पल या सैंडल पहनकर ही परीक्षा देने जाएं। इसके अलावा महिला अभ्यर्थी बालों में क्लिप या क्लेचर लगाकर न जाएं।
परीक्षा से 1 घंटा पहले प्रवेश प्रक्रिया बंद कर दी जाएगी
परीक्षा के समय से 2 घंटे पहले ही उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र पहुंचने की आवश्यकता होगी। तथा, परीक्षा की शुरुआत से 1 घंटे पहले ही प्रवेश द्वार बंद कर दिया जाएगा, इससे समय पर पहुँचने का आव्यश्यकता है। अभ्यर्थी केवल पारदर्शी पेन के साथ परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर सकेंगे, किन्तु पर्स, टोपी, कैलकुलेटर, पेंसिल, रबर, और व्हाइटनर ले नहीं जा सकेंगे। उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र में अपने एडमिट कार्ड के साथ फोटोयुक्त पहचान पत्र ले कर जाना होगा, जिसमें आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी, या पासपोर्ट शामिल हो सकते है |

पहली बार रिसर्च टीम तैनात की जाएगी
परीक्षा का आयोजन 14 दिनों तक तीन अलग-अलग चरणों में किया जाएगा, जबकि शेष दिनों में यह दो चरणों में संपन्न होगा। प्रत्येक चरण में लगभग 1,300 परीक्षार्थी अपने ज्ञान की माप लेंगे, जिनमें से कई छात्र अपनी परीक्षा देने के लिए अपने शहर से दूसरे शहरों तक की यात्रा करेंगे। इस परिस्थिति में, एक रिसर्च टीम का गठन किया गया है जो सभी शहरों में परीक्षार्थियों के ठहरने के स्थानों जैसे कि होटल, लॉज और धर्मशालाओं में जांच करेगी। यह उपकरण पहली बार लागू किया जा रहा है और इसके अलावा, उड़नदस्ता समूह के साथ, एक अत्यधिक महत्वपूर्ण रिसर्च टीम भी तैयार की गई है।
सत्यापन बायोमेट्रिक विधि से किया जाएगा
उम्मीदवारों की पहचान आबंटन के लिए बायोमेट्रिक पद्धतियों का उपयोग किया जाएगा। इसके बाद, उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा, जहां परीक्षा केंद्रों की विशेष टीम द्वारा निगरानी की जाएगी। परीक्षा समाप्त होने पर, उम्मीदवार अपने प्राप्त अंकों को कंप्यूटर स्क्रीन पर देख सकेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान, जो परीक्षा अलग-अलग पालियों में आयोजित की जा रही है, उसके अंकों को नॉर्मलाइजेशन तकनीक के माध्यम से समायोजित किया जाएगा, ताकि विभिन्न पालियों के अंकों में संगति हो।