मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाएं चल रही थी। और ये पेपर लीक होने की बात मानो जैसे आम हो गई हैं।। बच्चो का भविष्य खतरे में नजर आ रहे हैं।।ऐसे में पढ़ाई करने वाले बच्चों को हमेशा यही चिंता लगी रहती हैं।की पेपर लीक न हो जाए।।
सरकार ने प्रदेश की आधी से ज्यादा आबादी को इंटरनेट-बंदी बना दिया। आम जनता का कसूर बस इतना है कि वो उस प्रदेश की जनता है, जहां भ्रष्ट तंत्र पेपर लीक नहीं रोक पाता और सरकार नेटबंदी कर जनता को सजा देती है। शुक्रवार रात से लेकर अब तक जनता के मन में सिर्फ एक सवाल है कि क्या नेटबंदी से पेपर लीक रुक जाएगा?
याद कीजिए, पिछले 2 साल में कितने एग्जाम हुए, जब सरकार ने इंटरनेट बंद किया, इसके बावजूद पेपर लीक हुए, खुलेआम नकल हुई। पेपर रद्द हुए।
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर इंटरनेट बंद करना ही समस्या का समाधान है तो पेपर क्यों लीक हो जाते हैं? सरकारें क्यों नहीं समझती कि पेपर अलमारी से लीक होता है, इंटरनेट से नहीं।
इंटरनेट से दुनिया चल रही है। पूरा जीवन अब उसके ईद-गिर्द हैं, लेकिन अलमारियों में रखे पेपर को बचाने की जिम्मेदारी जिस सिस्टम की है, उसे दीमक ने चट कर रखा है।
तो हाल ही में मध्यप्रदेश में पेपर बेचने वाले गिरोह का क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने शनिवार को एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। आरोपी के टेलीग्राम ग्रुप में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 35 हजार स्टूडेंट्स मिले हैं। आरोपी से प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने अकेले 600 स्टूडेंट्स से करीब साढ़े 3 लाख रुपए ठगे हैं। इधर शनिवार को भोपाल में एमपी बोर्ड के 12वीं का पेपर लीक करने के आरोप में 4 टीचर्स को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस इसी गिरोह से जुड़े एक अन्य आरोपी को कस्टडी में लेकर भी पूछताछ कर रही है। जबकि, दो आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम सर्च कर रही हैं। पुलिस को अब तक 10-12 टेलीग्राम ग्रुप की जानकारी मिली है, जिनमें पेपर बेचने का गोरखधंधा चल रहा है। आरोपी पिछले दो साल से इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस उससे अन्य परीक्षाओं को लेकर भी पूछताछ कर रही है।
डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित कुमार ने बताया कि मंडीदीप, रायसेन निवासी कौशिक दुबे पिता श्याम कुमार दुबे को गिरफ्तार किया है। वह B.Com थर्ड ईयर का स्टूडेंट है। आरोपी ने टेलीग्राम ग्रुप में बोर्ड एग्जाम पेपर का एक लिंक जनरेट कर 600 से 1000 रुपए में स्टूडेंट को बेचा। आरोपी के पास 1 बैंक पासबुक, मोबाइल, 2 सिमकार्ड बरामद हुए हैं।
बता दें, शुक्रवार को 10वीं का अंग्रेजी का पेपर भी लीक हुआ था। इससे पहले 1 मार्च से ही सोशल मीडिया पर लगातार बोर्ड की परीक्षाओं के पर्चे लीक किए जा रहे हैं। हालांकि, इस मामले में बोर्ड ने 4 मार्च को पुलिस कमिश्नर भोपाल को शिकायत की थी।
वारदात का तरीका
आरोपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर माध्यमिक शिक्षा मंडल के मोनो का उपयोग कर फर्जी ग्रुप बनाया। इसके बाद 10वीं, 12वीं के प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के नाम पर वह पैसा वसूलता था। पैसे मिलने के बाद स्टूडेंट को पेपर उपलब्ध कराता था। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पेपर टेलीग्राम ग्रुप MP BOARD HELP से प्राप्त करता था।
पेपर लीक कांड में चार शिक्षक गिरफ्तार
इधर, शनिवार को भोपाल में छापेमारी में एमपी बोर्ड की 12वीं की केमिस्ट्री पेपर लीक करने के आरोप में चार टीचर्स को गिरफ्तार किया गया है। विद्यासागर स्कूल में परीक्षा में ड्यूटी कर रहे इन चारों शिक्षकों ने परीक्षा हॉल से पेपर की फोटो खींचकर वायरल किया था।
जानकारी के मुताबिक स्कूल के लेक्चरर पवन सिंह, विश्वनाथ सिंह, महिला सुप्रिटेंडेंट और सहायक सुप्रिटेंडेंट को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने बताया कि छात्रों को नकल कराने के मकसद से उन्होंने पेपर का फोटो खींचकर वायरल किया था।
सरकारें भी युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर ऐसी ही गंभीरता से काम करेंगी। सभी सरकारों को पेपर लीक की देशव्यापी समस्या को लेकर व्यापक हल निकालने पर विचार करना चाहिए