आपको बतादें की हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही कीमतों के चलते और घरेलू स्तर पर बुआई में मंदी होने से अनाज, दालांे और चावलों के दामों में आगे चलके राहत की खबर सुनने को मिल सकती है. रिसर्च की एक रिपोर्ट में बताया गया है की अगस्त के महीनें में मंहगाई 7 प्रतिशत के उपर रहने की ज्यादा संभावना है.
जुलाई के महीनें में सीपीआई मुद्रास्फीति में काफील बढ़ोतरी को दर्ज किया गया. जो की अग 15 महीनों तक के लिए शिखर पर रहने वाला है इसमें 7.44प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को दर्ज किया गया. 4.81 प्रतिशत जो की जून में था इसमें उछाल देखने को मिला है. आपकेा बतादें की इस मंहगाई के बढ़ने का सबसे ज्यादा बड़ा कारण है खाद पदार्थों पर बढ़ती हुई कीमतें.
वहीं इसमें भी सबसे ज्यादा टमाटरों पर ही दाम बढते हुए नजर आए है. विस्तृत श्रृंखला में योगदान जहां पर अनाज, दालों और मसालों का है. आपको बतादें की मौसम में रोजाना बदलाव के चलते, बारिश के पैटर्न में चेंज के चलते खाद पदार्थ के दामों में इस बार जुलाई के महीनें में मंहगाई में बढ़ा झटका मिला है.
अल नीनो बना है मंहगाई का कारण
बतादें की मंहगाई का एक बड़ा कारण एल नीनो भी बना है. जिसमें मौसम के चलते फसलों और खेती में काफी नुकसान देखनें को मिला है. इसके साथ ही खाद्य महंगाई में बढ़ेातरी का कारण मौसम में तेजी से बदलाव के साथ ही अनिश्चित बारिश के होने से आया है.
आपको बतादें की आने वालें महीनें में बढ़ते हुए शुष्क मौसम के चलते मूंग, तुअर, उड़द के दामों में इजाफा देखने को मिल सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इनकी खेती को बारिश आधारित क्षेतत्रों में ज्यादा किया जाता है. जिसके चलते इनके दामों में बदलाव के बड़ी संभावना है.