भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक 3 से 5 अप्रैल तक भारत की आधिकारिक दौरे पर होंगे. उनके साथ विदेश और विदेश व्यापार मंत्री डॉ. टांडी दोरजी और भूटान की शाही सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी आएंगे. अपनी यात्रा के दौरान वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे.
भूटान के पीएम लोटे शेरिंग ने क्या कहा।
भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नांग्याल वांगचुक भारत आ रहे हैं. अपनी इस यात्रा के दौरान वो पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलेंगे. उनकी यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भूटान के पीएम लोटे शेरिंग ने चीन सीमा को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि चीन ने उनके देश में किसी तरह का अतिक्रमण नहीं किया है.
पीएम ने वहाँ के अख़बार ‘द भूटनीज़’ को इंटरव्यू दिया है. इससे पहले उन्होंने बेल्जियम के अख़बार ‘ला लेब्रे’ को दिए इंटरव्यू में जो कुछ कहा था, उसको लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि भारत की उससे टेंशन बढ़ सकती है.
भूटान के प्रधानमंत्री ने हाल ही में बेल्जियम का दौरा किया था और उन्होंने वहीं यह इंटरव्यू दिया था.
फ्रेंच भाषा के अख़बार ‘ला लेब्रे’ को दिए इंटरव्यू में भूटानी प्रधानमंत्री ने कहा था, “हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है.”
“यह एक अंतरराष्ट्रीय सीमा है और मुझे पता है कि हमारा हिस्सा कहाँ तक है. भूटान में चीनी निर्माण को लेकर मीडिया में कई तरह की बातें कही जा रही हैं. हमें इससे कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह भूटान में नहीं है.”
कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है.
हालांकि, अपने क्षेत्र में चीन के घुसपैठ से भूटानी पीएम ने इनकार किया था. उन्होंने कहा था कि चीन ने हमारे क्षेत्र में कोई घुसपैठ नहीं की है. उन्होंने कहा था, ‘हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है. यह एक अंतरराष्ट्रीय सीमा है और मुझे पता है कि हमारा हिस्सा कहां तक है. भूटान में चीन के निर्माण को लेकर मीडिया में कई तरह की बातें कही जा रही हैं. हमें इससे कोई लेना देना नहीं है क्योंकि यह भूटान में नहीं है.’
शेरिंग ने यह भी कहा है कि डोकलाम विवाद का समाधान केवल भूटान के हाथ में नहीं है बल्कि चीन भी इसमें शामिल है और भूटान, भारत के साथ चीन भी सीमा मुद्दे में एक समान हितधारक है. शेरिंग ने सुझाव दिया कि भारत, भूटान और चीन तीनों देश मिलकर इस सीमा विवाद को सुलझाएं.