आखिर क्या होता है भूकंप?
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं. रगड़ती हैं. एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं.
एक बार फिर दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गई है. इसका केंद्र अफगानिस्तान का हिंदू कुश क्षेत्र रहा. सीस्मोलॉजी विभाग के मुताबिक रात 10:17 बजे अफगानिस्तान के कालाफगन से 90 किमी की दूरी पर यह झटके महसूस किए गए
सीस्मोलॉजी विभाग के मुताबिक रात 10:17 बजे कालाफगन, अफगानिस्तान से 90 किमी की दूरी पर यह झटके महसूस किए गए. तस्वीरें नोएडा की हाईराइज सोसाइटीज से आ रही हैं जिनमें कि देखा जा सकता है लोग घरों से निकलकर पार्क में आ गए. भूकंप इतना तेज था कि लोग काफी डर गए थे.
भूकंप के दौरान जितना हो सके सुरक्षित रहें. ध्यान रखें कि कुछ भूकंप वास्तव में भूकंप से पहले के झटके होते हैं और बड़ा भूकंप कुछ देर में आ सकता है. अपनी हलचल एकदम कम कर दें और नजदीकी सुरक्षित स्थान तक पहुंचें. तब तक घर के अंदर रहें जब तक कि भूकंप बंद न हो जाए और आप सुनिश्चित हों कि बाहर निकलना सुरक्षित है.
अगर घर के अंदर हों
जमीन पर लेट जाएं. एक मजबूत टेबल या फर्नीचर के अन्य टुकड़े के नीचे बैठकर खुद को कवर कर लें. यदि आपके आस-पास कोई टेबल या डेस्क नहीं है, तो अपने चेहरे और सिर को अपनी बाहों से ढक लें और किसी कोने में झुक जाएं. कमरे के कोने में, टेबल के नीचे या बिस्तर के नीचे छिपकर अपने सिर और चेहरे को बचाएं. कांच, खिड़कियां, दरवाजे, दीवारें और जो कुछ भी गिर सकता है (जैसे झूमर) से दूर रहें. जब भूकंप आए तो बिस्तर पर ही रहें. अपने सिर को तकिये से सुरक्षित करें. अगर आप किसी गिरने वाली चीज के नीचे हैं तो वहां से हट जाएं. दरवाजे से बाहर भागने का प्रयास तभी करें जब वह आपके पास हो और यदि आप जानते हैं कि दरवाजा मजबूत है.
जब तक कंपन बंद न हो जाए, तब तक अंदर ही रहें. रीसर्च से पता चला है कि ज्यादातर लोगों को चोटें तब लगती हैं जब वह इमारतों के अंदर से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं. ध्यान रखें कि बिजली जा सकती है या स्प्रिंकलर सिस्टम या फायर अलार्म चालू हो सकते हैं. अगर बाहर हों तो- आप जहां पर हैं, वहां से न हिलें. हालांकि, इमारतों, पेड़ों, स्ट्रीट लाइट्स और यूटिलिटी तारों से दूर रहें. यदि आप खुली जगह में हैं, तब तक वहीं रहें जब तक कंपन बंद न हो जाएं. सबसे बड़ा खतरा इमारतों से हैं, अधिकांश मौकों पर दीवारों के गिरने, कांच के उड़ने और वस्तुओं के गिरने से चोट लगती हैं.
यहां महसूस हुए भूकंप के झटके।
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